पटना:प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (Covid-19 Third Wave in Bihar) ने रफ्तार पकड़ ली है. राजधानी पटना हॉटस्पॉट (Corona Cases in Patna) बन गया है. पॉजिटिविटी रेट 23% से अधिक बढ़ गई है. 20 से 40 आयु वर्ग वाले लोगों के संक्रमित होने की दर 46 फीसदी है. ऐसे में तीसरी लहर में कम्युनिटी स्प्रेड काफी ज्यादा हुआ है. इसे नियंत्रण कैसे किया जा सकता है, इसे लेकर पटना एम्स के ट्रामा (Patna AIIMS Doctor 4B Formula) इमरजेंसी के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार ने 4B कॉन्सेप्ट साझा किया है. 4B यानी B से बूढ़ा + B से बच्चा + B से बीमार + B से बिना वैक्सीन वाले लोग.
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डॉक्टर अनिल कुमार के मुताबिक कोरोना से लड़ाई में इकोनॉमी (यूथ) को भी बचाना बड़ी चुनौती है. ऐसे में उन्होंने एक कॉन्सेप्ट तैयार किया है. पटना एम्स के डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर में 4B आइसोलेशन और यूथ पार्टिसिपेशन की मदद से संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि बिहार में तीसरी लहर (Corona Cases in Bihar) में काफी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं और संक्रमण दर भी काफी तेजी से बढ़ने लगा है. कम्युनिटी स्प्रेड के कारण भविष्य में संक्रमण दर और अधिक बढ़ता है, तो हालात बेकाबू होने लगेंगे.
डॉ अनिल कुमार, पटना एम्स. ये भी पढ़ें:पटना में कोरोना का संकट, 24 घंटे में डॉक्टर समेत सैकड़ों मेडिकल स्टाफ संक्रमित, 2 की मौत
पटना की बात करें, तो जांच में हर चौथा आदमी संक्रमित निकल रहा है. ऐसे में यदि सोशल डिस्टेंसिंग और आइसोलेशन की बात करें, तो जो लोग बीमार हैं और होम आइसोलेशन में है उनकी देखभाल कौन करेगा? ऐसी परिस्थिति में ही 4B का कंसेप्ट बनाया गया है. एम्स के डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि 4B आइसोलेशन कॉन्सेप्ट का मतलब है कि बूढ़े, बच्चे, बीमार और बिना वैक्सीन लेने वाले जो भी लोग हैं, वह संक्रमण के तीसरे लहर में पूरी तरह सतर्क हो जाएं और खुद को आइसोलेट कर लें.
''लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए और वैक्सीन का जब भी शेड्यूल मिलता है, जरूर लें. इसके अलावा यूथ पार्टिसिपेशन की जहां तक बात है, तो जो भी यूथ पूरी तरह स्वस्थ हैं, वे बढ़-चढ़कर अपने परिवार, समाज और देश के लिए काम करें ताकि देश की इकोनॉमी प्रभावित न हो सके. बच्चों और बुजुर्गों को बचाना बड़ी चुनौती है. इसके अलावा बीमार लोग और बिना वैक्सीन वाले लोगों पर संक्रमण का खतरा अधिक है. ऐसे में अगर इस कॉन्सेप्ट पर काम किया जाए, तो देश की इकोनॉमी प्रभावित होने से काफी हद तक बचाया जा सकता है.''- डॉक्टर अनिल कुमार, एम्स डॉक्टर
इसके साथ ही डॉ अनिल कुमार ने MAAP फर्मूला से भी लोगों को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि अगर आप कोरोना की चपेट में आ जाते हैं, तो क्या मेडिसीन लेनी चाहिए और कितनी मात्रा में. इस वीडियो के माध्यम से लोगों को जरूर सहायता मिलेगी.
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