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देखिए नीतीश जी! बिहार के बड़े अस्पतालों का हाल, कंधे पर लटक रहा हेल्थ सिस्टम - Bihar Health Department

बिहार सरकार PMCH को प्रदेश का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल होने का दावा करती है. लेकिन तस्वीरों के माध्यम देखा जा सकता है कि अस्पताल में ट्रॉली की सुविधा नहीं मिल पाने से परिजन अपने मरीज को कंधे पर लेकर चलते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Problems of patients increased due to non-availability of trolley facility in PMCH
Problems of patients increased due to non-availability of trolley facility in PMCH

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Published : Sep 13, 2021, 7:02 PM IST

पटना:बिहार के राजधानी पटना (Patna) में स्थित पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (PMCH) को गरीबों का अस्पताल कहा जाता है. इस अस्पताल (Hospital) को लेकर पूरे बिहार में ऐसी धारणा है कि जिस मरीज का कहीं इलाज नहीं होता, उसका इलाज पीएमसीएच में हो जाता है. ऐसे में सुदूर इलाके से गरीब मरीज काफी मुश्किलों का सामना कर पीएमसीएच पहुंचते हैं. लेकिन जब इस अस्पताल में भी न ठीक से इलाज हो और न ही मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो तो भला गरीब कहां जाए?

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तस्वीरों के माध्यम से देखा जा सकता है कि ट्रॉली की सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से बेबस और लाचार परिजनों को अपने मरीजों को कंधे पर लिटाकर पीएमसीएच में भटकना पड़ता है. मरीज कहीं भी एडमिट हो मगर जांच के लिए उसे रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में जाना पड़ता है और यह वार्ड से काफी दूर है. ऐसे में परिजन अपने मरीज को कंधे पर लेकर चलते हैं.

ट्रॉली के अभाव में बच्चे पिता को लेकर परेशान

तस्वीर में देखा जा सकता है कि एक महिला अपने 12 साल के बच्चे को गोद में उठाकर एक्स-रे कराने के लिए अस्पताल के एक छोर से दूसरे छोर की दौड़ लगा रही है. वहीं, पैर कटे युवक को उसके बच्चे अपने कंधे पर उठाए हुए हैं. बता दें कि PMCH में आपको इस तरह के दृश्य काफी देखने को मिल जाएंगे. जब परिजन कंधे पर अपने मरीज को लेकर दर-दर भटकते है और थक जाने पर परिसर में ही मरीज को लिटाकर आराम करने लगते हैं. कुछ देर आराम के बाद फिर से उसी जद्दोजहद में जुट जाते हैं.

पीएमसीएच में मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं मरीज

बताते चलें कि पीएमसीएच में दावा किया जाता है कि मरीजों के लिए ट्रॉली की सुविधा उपलब्ध है. लेकिन तस्वीरें साफ बयां करती है कि मरीजों को किन असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. ज्यादातर मरीजों का कहना है कि उन्हें ट्रॉली नहीं मिलती, ऐसे में वह मजबूर होकर अपने मरीज को कंधे पर लेकर जा रहे हैं.

अकेली महिला अपने बच्चे को लेकर परेशान

ट्रॉली के अभाव में कई बार यह नजर आता है कि ट्रॉली मैन ऑक्सीजन सिलेंडर खींच रहा होता है और बीमार बच्चा या मरीज जिसे ऑक्सीजन सपोर्ट है उसे उसके परिजन गोद में या कंधे पर लिटा कर ले जा रहे होते हैं. ट्राली के अभाव में मरीजों को किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. तस्वीर इन सारी बातों का गवाह है. हालाकि इस अव्यवस्था पर अभी पीएमसीएच प्रबंधन का कोई जवाब नहीं आया है.

सुविधाओं के अभाव से परिजन परेशान

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