पटना:बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और वर्तमान स्थिति यह है कि संक्रमण की स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है. कोरोना संक्रमण के एक्टिव मरीजों की संख्या लगभग एक लाख तक पहुंच गई है. ऐसे में प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की बात करें तो यहां रोजाना काफी संख्या में कोरोना मरीज पहुंच रहे है लेकिन अस्पताल में बेड नहीं होने की वजह से मरीजों को लौटना पड़ रहा है.
पीएमसीएच में 105 बेड का कोविड-19 डेडिकेटेड वार्ड है और वर्तमान स्थिति यह है कि सभी बेड फुल हैं. पिछले 1 महीने से अस्पताल प्रबंधन कोरोना मरीज के लिए बेड बढ़ाने की बात कह रहा है. लेकिन बीते 1 महीने में कोरोना वार्ड में मात्र 5 बेड का ही इजाफा देखने को मिला है. प्रधान सचिव बीते दिनों जब पीएमसीएच का दौरा किए थे. तब भी उन्होंने अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बेड बढ़ाने की बात कही थी. लेकिन बेड बढ़े नहीं. इस वजह से प्रतिदिन शहर के विभिन्न अस्पतालों और कोरोना जांच केंद्रों से कोरोना मरीज को पीएमसीएच रेफर किया जा रहा है. लेकिन बेड उपलब्ध ना होने की वजह से मरीज अस्पताल में एडमिट नहीं किया जा रहा है.
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पीएमसीएच के कोरोना वार्ड से 50 मीटर की दूरी पर ही कॉटेज वार्ड है. कॉटेज वार्ड कि भवन तीन मंजिला है और प्रत्येक फ्लोर पर 9 कमरे हैं. प्रत्येक कमरे में दो बेड की व्यवस्था है. लेकिन यह भवन वर्तमान समय में पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है. प्रदेश में पिछले साल जब कोरोना संक्रमण शुरू हुआ था तब इसे ही कोरोना वार्ड बनाया गया था और उस समय सभी कमरे में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए पाइप लाइन की व्यवस्था भी की गई थी. पीएमसीएच का जो नया सुपर स्पेशलिटी भवन बनना है उसके नाम पर अस्पताल प्रबंधन ने इस भवन को शुरुआती दौर में ही तोड़ने का निर्णय लिया और ऑक्सीजन पाइप लाइन को कबाड़ दिया गया. वर्तमान समय में 3 मंजिला भवन काफी मजबूत स्थिति में है और इसमें तोड़फोड़ का काम भी शुरू नहीं हुआ है. पीएमसीएच प्रबंधन जब चाहे तब 2 दिन के अंदर यहां आसानी से कोरोना मरीजों के लिए 50 से अधिक बेड बढ़ाए जा सकते हैं.