पटनाःरेलवे प्रशासन द्वारा पिछले साल ही ट्रेनों के स्पेशल स्टेट्स को खत्म कर दिया गया है. रेलवे के अनुसार अब स्पेशल ट्रेन के नम्बर से '0' हट गए हैं और सारी ट्रेन प्रीकोविड ट्रेन की तरह उसी नम्बर से चल रही हैं. लेकिन पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) के क्षेत्राधिकार में चलने वाली कई मेमू पैसेंजर ट्रेन आज भी स्पेशल ट्रेन (Passenger Paying More Fare Of Train In Bihar) के नाम पर चल रही हैं, जिसका सीधा खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. रेलयात्री इससे त्राहिमाम है.
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पूरा माजरा इन आंकड़ों से समझिए :समझने की बात है कि पैसेंजर ट्रेन के किराये में दोगुने से अधिक का अंतर कैसे है. पटना से दानापुर जाने में शटल ट्रेन में 10 रुपये लग रहे है. जबकि पैसेंजर ट्रेन में 30 रुपये किराया लग रहा है. पटना-वाराणसी मेमू से सफर करने पर पटना से आरा के लिए 30 रुपये लिया जा रहा है. जबकि पैसेंजर ट्रेन का किराया 15 रुपये है. पटना से गया जाने में 50 रुपये किराया लग रहा है. जबकि इस रूट में चलनेवाली दो पैसेंजर ट्रेनों में किराया मात्र 25 रुपये है. यात्रियों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि किस ट्रेन से सफर करें कि किराया कम लगे.
सबकुछ पुराना, फिर भी जेब हो रही खाली :सबसे बड़ी बात ये है कि जिस पैसेंजर ट्रेन को स्पेशल ट्रेन के नाम से चलाया जा रहा है. उसकी स्टॉपेज, स्पीड वही है, सीट में भी कोई बदलाव नहीं है. लेकिन भाड़ा अधिक है. बावजूद इसके रेल यात्रियों की भीड़ कोविड प्रोटोकॉल के खिलाफ जा रही है. स्पेशल ट्रेनों में यात्री ठूंस ठूंस कर यात्रा कर रहे हैं, इससे पैसेंजर काफी नाखुश हैं. डेली यात्रा करने वालों पर अब इसका सीधा असर जेब पर पड़ रहा है.
ईटीवी भारत की टीम ने इस सच्चाई को जानने के लिए पटना जंक्शन के आठ नंबर प्लेटफार्म पर खड़ी जसीडीह-गया-मेमो पैसेंजर ट्रेन में बैठे रेल यात्रियों से बात की तो रेल यात्री रेलवे प्रशासन के दोहरी नीति से नाराज दिखे. यात्रियों ने साफ तौर पर कहा कि रेलवे प्रशासन अगर ट्रेन में कोई तब्दील कर भाड़ा बढ़ाती तो बात समझ में आती. लेकिन यहां तो ट्रेन वही, रूट वही, स्टॉपेज वही, स्पीड भी वही लेकिन फिर किराया दो तरह से क्यों.
आपको बता दें की रेलवे अब भी पटना के विभिन्न रूटों पर जाने वाली पैसेंजर ट्रेनों में दो तरह का किराया वसूल रहा है. पूर्व मध्य रेलवे में 7 पैसेंजर ट्रेनें ऐसी हैं. जिनमें यात्रियों को मेल/एक्सप्रेस के बराबर किराया देना होता है. मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ तीन पैसेंजर ट्रेनों पटना-गया, फतुहा-बक्सर और पटना-झाझा में ही पैसेंजर ट्रेन का पुराने किराये लिया जा रहा है, जबकि इसी रूट पर उसी ट्रेन से उतनी ही दूरी में पैसेंजर ट्रेनों में दोगुना किराये की वसूली की जा रही है.
'इससे रेल यात्रियों की जेब पर असर पड़ रहा है. रेलवे प्रशासन भले ही घोषणा कर चुकी हो. लेकिन अभी भी स्पेशल ट्रेन के नाम पर किराया दोगुना वसूला जा रहा है. सुबह में हम तारेगना स्टेशन से 10 रुपये का टिकट लेकर पटना आए हैं. और उसी ट्रेन से फिर वापस जा रहे हैं तो 30 रुपये का टिकट लेना पड़ा है. ऐसे में बहुत सारे रेलयात्री नहीं जान पा रहे हैं कि कौन पैसेंजर ट्रेन है और कौन स्पेशल ट्रेन है. रेलवे प्रशासन जल्द से जल्द पूर्व की भांति सभी पैसेंजर ट्रेनों का किराया करे, जिससे कि रेल यात्रियों को सहूलियत हो'-रवि कुमार,रेल यात्री