वैशाली: हाजीपुर लोकसभा सीट पूरे देश में चर्चित लोकसभा क्षेत्रों में शुमार है. इसका प्रमुख कारण रामविलास पासवान का यहां से सांसद बनना है, लेकिन अब रामविलास पासवान की इस परंपरागत सीट पर उनके छोटे भाई व लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस चुनावी मैदान में है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में पारस कहते हैं हाजीपुर की जनता को कभी निराशा हाथ नहीं लगेगी.
पहली बार रामविलास पासवान 1977 में हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से ही सांसद बन दिल्ली गए थे. तकरीबन 42 साल से इस इलाके पर रामविलास पासवान का कब्जा माना जाता है. अब उनकी जगह इस सीट पर उनके छोटे भाई पशुपति पारस चुनाव लड़ रहे हैं.
भाई की विरासत को संभालने की चुनैती स्वीकार
वे अपने बड़े भाई रामविलास पासवान की विरासत को बखूबी संभालने की चुनौती को स्वीकार करते हैं. ईटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता राजनीतिक कुर्ते पर किसी तरह का दाग नहीं लगने देने की होगी. हालांकि, पशुपति पारस खुद भी 7 बार बिहार विधान मंडल के सदस्य रह चुके हैं.