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बेटा डरा हुआ है.. यूक्रेन में एंबेसी भी नहीं दे रही साथ, सरकार मदद करेंः PM और CM से माता पिता की गुहार - मनेर का शुभम मिश्रा

यूक्रेन में मनेर का शुभम भी फंसा हुआ है. जब भी वो अपने माता पिता से वीडियो कॉल पर बात करता है, तब भी उसके चेहरे पर डर दिखता है. उसके माता पिता परेशान हैं. कोई मदद नहीं कर रहा है. माता पिता ने अब पीएम और सीएम से भी गुहार लगायी है. पढ़ें रिपोर्ट..

यूक्रेन में मनेर का शुभम
यूक्रेन में मनेर का शुभम

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Published : Feb 21, 2022, 7:07 PM IST

पटना: रूस और यूक्रेन के बीच तनाव जारी है. इस बीच बिहार के करीब एक हजार छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. ये सभी छात्र वहां पढ़ाई के लिए गए हुए थे. इन छात्रों के माता-पिता और परिवार वाले इस विवाद को लेकर काफी चिंतित हैं. यूक्रेन में फंसे बिहार के छात्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार (Parents Requested Pm and Cm for Stucked son Shubham) लगा रहे हैं कि उनकी जान की रक्षा की जाए. वहीं पटना के मनेर का शुभम मिश्रा भी फंसा (shubham Stucked in ukraine) है. उनके माता-पिता काफी परेशान हैं. बेटे से व्हाट्सएप के सहारे ही बातचीत कर पा रहे हैं.

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मनरे नगर पंचायत के बरैया टोला निवासी राजेश कुमार मिश्र के पुत्र शुभम मिश्रा ने पिछले साल मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन के खरखीवा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में अपना एडमिशन करवाया था. इधर माहौल बिगड़ने के बाद शुभम एंबेसी में भी गया लेकिन एंबेसी से खास कोई सहयोग नहीं मिला और यहां परिवार वाले काफी परेशान हैं. अपने बेटे से व्हाटसएप के सहारे बातचीत कर रहे हैं. बेटे के वहां से वापस आने की कोई उम्मीद नहीं होने के कारण वे परेशान हैं. जिसके बाद परिवार के लोग एवं माता-पिता ने देश के पीएम मोदी एवं राज्य के सीएम नीतीश कुमार से गुहार लगायी है.

वहां फंसे मेडिकल छात्र शुभम मिश्रा की मां सविता मिश्रा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपने बेटे की सकुशल घर वापसी को लेकर गुहार लगा रही हैं. मां अपने बेटे को देखकर काफी निराश हो रही हैं. वीडियो कॉल के जरिए ही अपने बेटे से बात कर रही हैं.

शुभम मिश्रा के पिता राजेश मिश्रा ने बताया कि जब से यह विवाद शुरू हुआ है, तब से हमें डर लगा रहता है कि कहीं कुछ अनहोनी ना हो जाए. कल न्यूज पर देखा कि एक स्कूल पर बम गिरा दिया गया है. इससे हम सभी लोग और डर चुके हैं. हमारी देश की सरकार और राज्य सरकार से मांग है कि यूक्रेन में फंसे हमारे बेटे शुभम को सुरक्षित वापस वतन लाने का कार्य करें. नहीं तो कोई बड़ा हादसा हो जाएगा. जब से यह विवाद हुआ है केवल व्हाट्सएप वीडियो कॉल और अन्य माध्यम से बेटे से बात हो रही है. बेटा भी काफी डरा और सहमा हुआ है. यहां तक कि यूक्रेन देश की एंबेसी ने भी हमारे बेटे की कोई खास मदद नहीं की है.

विभिन्न जिलों के छात्र फंसे : गौरतलब है कि यूक्रेन में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे पटना, पूर्णिया, दरभंगा, छपरा, आरा, बक्सर समेत कई जिलों के छात्र संकट में हैं. इसमें से कई छात्र यूक्रेन के ओडेसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. ये छात्र वतन वापसी करना चाह रहे हैं. पर इनके सामने परेशानी ये है कि यूक्रेन में एयर टिकट मिलने में काफी दिक्कत हो रही है. इसलिए अब ये गुहार लगा रहे हैं कि उनकी जान की रक्षा एयरलिफ्ट कराकर करें, क्योकि यहां टिकट महंगा हो गया है.

हालांकि रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव (russia ukraine crisis) नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पूर्वी यूरोपीय देश- यूक्रेन से भारतीयों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए अहम फैसला लिया है. द्विपक्षीय एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत और यूक्रेन के बीच संचालित की जा सकने वाली उड़ानों की संख्या पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है. भारत यूक्रेन उड़ान संचालन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है.

गौरतलब है कि रूस के साथ बढ़ते तनाव के कारण यूक्रेन में मौजूदा हालात के बीच भारत अपने नागरिकों को अस्थायी रूप से यूक्रेन छोड़ने की सलाह पहले ही दे चुका है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत और यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटा दिया गया है. अधिकारी ने कहा, दोनों देशों के बीच चार्टर्ड उड़ानों सहित कितनी भी उड़ानें (india ukraine charted flight) संचालित की जा सकती हैं.

अतिरिक्त उड़ानों पर विचार:भारतीय दूतावास के मुताबिक वर्तमान में यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस, एयर अरबिया, फ्लाई दुबई और कतर एयरवेज यूक्रेन से उड़ानें संचालित कर रही हैं. दूतावास ने कहा था, विमानों की अतिरिक्त मांग को पूरा करने के लिए, निकट भविष्य में और अधिक उड़ानों की योजना बनाई जा रही है. इसमें यूक्रेनी इंटरनेशनल एयरलाइंस, एअर इंडिया, आदि शामिल हैं.

क्या है एयर बबल समझौता:दो देशों के बीच एयर बबल समझौते के तहत, कुछ शर्तों के अधीन अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें एक-दूसरे के क्षेत्रों में संचालित की जा सकती हैं. फिलहाल, भारत का 35 देशों के साथ एयर बबल समझौता है. बता दें कि भारत से आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानें 23 मार्च, 2020 से ही निलंबित हैं.

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