नई दिल्ली/पटना: जाप प्रमुख पप्पू यादव दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों का जायजा लिया और पीड़ितों से मुलाकात की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि लोग डरे और सहमे हुए हैं. कार्रवाई बिल्कुल एकतरफा हो रही है. जाप संरक्षक ने कहा कि ऐसा लगता है देश में कानून समाप्त हो चुका है. आज न्याय पाने के लिए एक बड़ी लड़ाई की जरूरत है. दिल्ली दंगों पर देश के सियायतदान चुप हैं. सिर्फ दूर रहकर ट्विटर पर बात करते हैं. हकीकत यह है कि पीड़ितों का दुख दर्द समझने वाला कोई नहीं है.
पूर्व सांसद पप्पू यादव ने दिल्ली के हिंसाग्रस्त चांदबाग, शिव विहार, मुस्तफाबाद समेत कई इलकों का जायजा लिया. इस दौरान वो हिंसा प्रभावित लोगों से भी मिले. साथ ही उन्होंने ऐसे लोगों से भी मुलाकात की जिन्हें पुलिस लगातार तंग कर रही है. चांदबाग इलाके में उन्हें ऐसे बहुत से लोग मिले जो या तो खुद पुलिस के पीड़ित बता रहे थे या फिर उनके किसी अपने को पुलिस बिना किसी कारण पकड़ ली थी.
दिल्ली हिंसाग्रस्त इलाकों का लिया जायजा
इस दौरे के दौरान पप्पू यादव हिंसा में मारे गए आईबी के अंकित शर्मा के घर भी गए. हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा के दौरान वो प्रभावित लोगों से मिले. उसके बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत में पप्पू यादव ने कहा कि बड़े ही अफसोस की बात है कि अरविंद केजरीवाल ने एक बार भी आने का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा कि देश में पूरी तरह से कुर्सी, सियासत और सत्ता के आधार पर बात हो रही है. हिंसा प्रभावित इलाकों में लोग आज भी इंसाफ और न्याय की बात कर रहे हैं. जिन्होंने खुलेआम बम चलाए, गोलियां चलाई. चाहे वह जेएनयू के मामला ही क्यों न हो? आपने किसी को जेल नहीं भेजा. पूर्व सांसद ने ये भी कहा कि यहां तो आपने सुरक्षा दे दी है. आखिर कैसे कपिल मिश्रा जैसे लोग खुलेआम घूम रहे हैं. ऐसा लगता है जो लोग जितना दंगा फैलाएंगे, मारकाट मचाएंगे, वह उतने बड़े नेता हो जाएंगे. यही एकमात्र एजेंडा बचा है जैसे.
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा-
बड़े अफसोस की बात है कि अरविंद केजरीवाल ने एक बार भी इन इलाके में आने का नाम नहीं लिया. लोग बुरी तरह से डरे और सहमे हुए हैं. हिंसा के बाद अब कार्रवाई बिल्कुल एकतरफा हो रही है. ऐसा लगता है जैसे देश में कानून व्यवस्था समाप्त हो चुका है.
उन्होंने कहा कि देश में पूरी तरह से कुर्सी, सियासत और सत्ता के आधार पर बात हो रही है. हिंसा प्रभावित इलाकों में लोग इंसाफ की मांग कर रहे हैं. जिन्होंने खुलेआम बम चलाये, गोलियां चलाई, जो हत्यारे हैं, उन्हें जेल नहीं भेजा गया.