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तरुण प्रकरण पर लालू परिवार के समर्थन में पप्पू, कहा-नीतीश का दामन साफ नहीं, अपने गिरेबान में झांके

पप्पू यादव का कहना है कि जनता नीतीश कुमार को कुर्सी से हटाना चाहती है. लेकिन नीतीश कुमार लालू परिवार के भरोसे अपनी सियासत चमकाने में जुटे हैं. जबकि कोरोना संक्रमण काल में मजदूरों को मरने के लिए छोड़ दिया गया.

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पप्पू यादव

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Published : Jun 12, 2020, 6:25 PM IST

Updated : Jun 13, 2020, 3:51 PM IST

पटना:जेडीयू तरुण यादव का मामला उछाल कर लालू परिवार पर जोरदार हमला किया है. हालांकि, मीसा भारती ने इस प्रकरण पर सफाई दी है. वहीं, अब जाप संरक्षक पप्पू यादव ने इस मामले में सीएम नीतीश कुमार पर जोरदार हमला किया है. नीतीश कुमार का दामन भी साफ नहीं है. इनकी भी सांठगांठ काफी अपराधी किस्म के लोगों से है.

पूर्व सांसद पप्पू यादव ने अपने आवास पर मीडिया को संबोधित करते हुए लालू नीतीश के रिश्तों पर भी खुल कर बातें की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2 साल पहले लालू प्रसाद यादव को बड़ा भाई का दर्जा देते थे. लेकिन राजनीतिक दूरी होते ही सत्तापक्ष के लोग लालू प्रसाद यादव के नाम पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं. जाप संरक्षक पप्पू यादव ने बीजेपी के बाद नीतीश कुमार के वर्चुअल रैली करने पर जमकर निशाना साधा है.

पेश है रिपोर्ट

सीएम नीतीश से मांगा इस्तीफा
पूर्व सांसद पप्पू यादव का कहना है कि नीतीश कुमार जेपी, लोहिया और कर्पूरी के नाम पर सिर्फ राजनीति करना जानते हैं. इस संक्रमण काल में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के मजदूरों को मरने के लिए छोड़ दिया. मजदूरों को लाने के लिए दूसरे राज्यों के सीएम और पीएम से बात तक नहीं कर पाए. पप्पू यादव ने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर महाराष्ट्र सरकार से बात तक नहीं की. जो काम मुख्यमंत्री को करना चाहिए था उसे पप्पू यादव ने अंजाम दिया. इसलिए अब उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस करते पप्पू यादव

सरकार के समक्ष रखी कई मांगे
जाप संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने लॉकडाउन के दौरान बिहार में फंसे छात्रों की फीस, निजी कोचिंग संचालकों का किराया, बिजली बिल, स्कूल और ट्यूशन की फीस माफ करने की मांग बिहार सरकार से की है. वहीं, लॉकडाउन में कलाकारों की दयनीय स्थिति पर भी चिंता जताई. राज्य सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि बिहार के कलाकारों को चिन्हित कर गुजारा भत्ता के रुप में 7 हजार रुपया प्रति माह प्रदान की जाए.

Last Updated : Jun 13, 2020, 3:51 PM IST

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