पटना(बिहटा): बिहार में गंभीर कोरोना संकट के बीच पटना के अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडरऔर जरूरी दवाओं का संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. हालत यह है कि बेड और दूसरी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध रहते हुए भी अस्पताल मरीजों को भर्ती लेने से इंकार कर रहे हैं.
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जाप प्रमुख पप्पू यादव ने आज आज बिहटा स्थित ईएसआइसी अस्पताल का दौरा किया. पूर्व सांसद ने कहा कि इस अस्पताल की व्यवस्था और भी अधिक खराब है. अस्पताल में गंदगी और एक भी डॉक्टर के नहीं मिलने से नाराज पप्पू यादव ने कहा कि यह अस्पताल कुप्रबंधन की मार झेल रहा है. यहां ना ही डॉक्टर है और ना ही कोई इंतजाम.
बता दें कि यह अस्पताल सेना की मेडिकल टीम संभाल रही है. पप्पू यादव ने इस अस्पताल को सेना को सौंपे जाने पर कहा कि सेना के एक डॉक्टर ने उन्हें बताया कि जब तक सभी पचास बेडों को पूरी तरह से संसाधन युक्त यानी वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी को पूरा नहीं किया जायेगा, तब तक यहां स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं होगी.
''चकाचक महल देखने में तो बाहर से काफी अच्छा लग रहा है, लेकिन अंदर तो मौत का कुआं बना हुआ है. सरकार के लोग बताते हैं कि यहां 500 बेड का अस्पताल खुला हुआ था और अब आगे भी खुलने वाला है. लेकिन आने के बाद सच्चाई कुछ और देखने को मिली. इस अस्पताल में ना कोई मेडिकल स्टॉफ है और ना ही कोई डॉक्टर. सेना की तरफ से डॉक्टर की नियुक्ति की गई लेकिन मात्र एक डॉक्टर ही सेना के तरफ से इसअस्पतालमें काम कर रहे हैं. यहां साफ सफाई नहीं है. पीपीई किट भी अस्पताल परिसर में इधर-उधर फेंका हुआ है''- पप्पू यादव, जाप प्रमुख
''डीआरडीओ द्वारा संचालित बिहटा के ESIC हॉस्पिटल का आज हमने दौरा किया. यहां के हालात बेहद खराब हैं. यहां रेड जोन में भी साफ सफाई नहीं है. लोग जमीन पर सोने को मजबूर हैं. इतने दिनों से नीतीश कुमार और मंगल पांडेय कर क्या रहे हैं. अस्पताल भूत खाना बना हुआ है और चिकित्सा कर्मी व अस्पताल प्रबंधन के लोग यहां से नदारद हैं. यहां की स्थिति तो और भी खराब है.'' -पप्पू यादव, जाप प्रमुख
ईएसआईसी अस्पताल में सेना ने संभाली कमान
पटना के नजदीक बिहटा के सिकंदरपुर स्थित ईएसआईसी अस्पताल एडं मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल का जिम्मा शनिवार से आर्मी मेडिकल कॉर्प टीम ने संभाल लिया. शनिवार को आर्मी के 11 चिकित्सकों सहित 25 पैरा मेडिकल स्टाफ ने योगदान दिया.