पटना: राजधानी में हुए जलजमाव पर जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव ने राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. इस पूरे प्रकरण पर सरकार के खिलाफ पीआईएल दायर करेंगे और बहुत जल्द ही कई राज से पर्दा उठेगा. उन्होंने सीवरेज सिस्टम पर कहा कि इसमें घोर भ्रष्टाचार हुआ है.
'सरकार ने दिखाए कर्फ्यू वाले दिन'
पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पटना के सीवरेज सिस्टम के निर्माण में मंत्रियों और ठेकेदारों पर मिलकर पैसे खाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पिछले 9 दिनों तक पूरी राजधानी में कर्फ्यू जैसा माहौल रहा. आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा. लोगों का घर से बाहर निकलना दुश्वार हो गया.
पटना के कई इलाकों में अब भी जलजमाव की समस्या 'कैंसर की तरह बर्बाद किया गया बिहार'
लोगों को इस गंभीर समस्या में डालने के लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है. पूर्व की सरकारों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 30 सालों में जिन नेताओं ने शासन किया उन्होंने बिहार को कैंसर की तरह बर्बाद कर दिया. वर्तमान सरकार से तो राजधानी भी नहीं संभल रही, पूरे राज्य में सुशासन का नारा सिर्फ दिखावा है. अब इन्हें सामाजिक तौर पर बहिष्कृत कर देना चाहिए.
सजा भुगत रही जनता- पप्पू यादव
पप्पू यादव ने कहा कि पटना में हुए जलजमाव पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जांच होनी चाहिए. वे बोले कि बहुत जल्द सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर करेंगे और जल्द ही खुलासा भी करेंगे कि किन-किन नेताओं के ठेकेदारी हुई है? किनके रिश्तेदारों ने मोटी कमाई की है, जिसका भुगतान राजधानीवासियों को भुगतना पड़ा है.
जलजमाव पर पप्पू यादव का बयान 'बाढ़ राहत के नाम पर लोगों से लूट'
पप्पू यादव का कहना है कि पूरे बिहार में जहां भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है सरकार वहां बाढ़ राहत के नाम पर सिर्फ लूटने में लगी है. डेंगू को लेकर पप्पू यादव ने कहा कि राजधानीवासियों में दहशत है. पीएमसीएच में माकूल व्यवस्था नहीं है. पीएमसीएच में कई तरह के संसाधनों की कमी है. सरकार के पास डॉक्टरों की भी कमी है. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
सरकार से किए कई सवाल
उन्होंने सरकार पर सवालों का प्रहार करते हुए पूछा कि ग्यारह सौ टन कचरे का क्या हुआ? चौव्वन प्रतिशत कचरा बाहर क्यों निकल पाता है? साढ़े चार सौ अंडर ग्राउंड सीवरेज बंद क्यों है? साढ़े तीन सौ में से आधे ओपन सीवरेज क्यों बंद हैं? छब्बीस साल पहले सरकार को सात सौ छियासी करोड़ रुपए मिले, लेकिन उसमें घोर भ्रष्टाचार किया गया.