पटना:जिले में संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के सौजन्य से विजय आनंद के निर्देशन में ऐतिहासिक नाटक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस ऐतिहासिक नाटक ‘कालसर्पिणी’ को डाॅ चतुर्भुज के माध्यम से लिखा गया है. इस नाटक को मंचन पुण्यार्क कला निकेतन, पंडारक के कलाकारों ने प्रस्तुत किया. इस नाटक में एक नारी की मर्म व्यथा, महत् त्याग, बलिदान, कौशल और उसके प्रतिशोध भावना को बहुत ही रोचक तरीके से दिखाया गया.
पटना: पंडारक कला मंच ने पेश किया नाटक, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध - पटना में नाटक का आयोजन ताजा समाचार
बिहार की राजधानी पटना में ऐतिहासिक नाटक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस नाटक को मंचन पुण्यार्क कला निकेतन, पंडारक के कलाकारों ने प्रस्तुत किया. इसमें नारी की मर्म, व्यथा, महात्याग, बलिदान, कौशल और उसके प्रतिशोध भावना को प्रस्तुत किया गया.

जानिए नाटक का सार
विजय आनंद निर्देशित नाटक में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण नीति, विस्तारवादी और सत्ता पसंद सुल्तान को बखूबी दिखाया गया. वहीं महारानी कमला देवी रूप में एक नारी के प्रतिशोध और उसके शक्ति का दिग्दर्शन भी कराया. कालसर्पिणी नाटक में गुलाम काफूर गुजरात के राजा करणदेव को भगाया. इसके साथ ही उसकी पत्नी कमला देवी को अलाउद्दीन खिलजी के हरम में पहुंचाने का कार्य किया. वहीं इस नाटक में दक्षिण की छोटी-बड़ी रियायतों को जीतकर और देवगिरिनरेश रामचंद्र और उनकी पत्नी देवला को कैद कर खिलजी सल्तनत में ऊंचा ओहदा प्राप्त किया.