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शैवाल गुप्ता को मरणोपरांत पद्मश्री मिला तो बोली पत्नी- 'ICU में रहते हुए भी करते थे काम'

बिहार की अर्थव्यवस्था को करीब से जानने और समझने वाले अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता को पद्मश्री पुरस्कार (Economist Shaibal Gupta gets Padma Shri Award) दिया है. केंद्र की सरकार ने मरणोपरांत उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिया है. उनकी पत्नी उषा सी गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में सरकार किसी की भी रही हो शैवाल गुप्ता उनके लिए मार्गदर्शक की भूमिका में रहे हैं.

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Published : Jan 26, 2022, 4:18 PM IST

अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता को पद्मश्री पुरस्कार
अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता को पद्मश्री पुरस्कार

पटना:बिहार के डॉक्टर शैवाल गुप्ता (Doctor Shaibal Gupta of Bihar) को मरणोपरांत साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार दिया है. बिहार की अर्थव्यवस्था को करीब से जानने और समझने वाले अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता तो अब दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके योगदान के लिए केंद्र की सरकार ने मरणोपरांत उन्हें पद्मश्री पुरस्कार दिया है. शैवाल गुप्ता की पत्नी पुरस्कार मिलने के बाद फूले नहीं समा रही हैं.

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शैवाल गुप्ता का पूरा परिवार समाज के लिए समर्पित था. सवाल गुप्ता ने ही अपने दादा और पिता के कारवां को आगे बढ़ाया और बिहार के लिए बेहतर काम करने की कोशिश की. शैवाल गुप्ता को बिहार के अर्थव्यवस्था की अच्छी समझ थी. बजट मामलों के वह जानकार माने जाते थे. बिहार में सरकार किसी की भी रही शैवाल गुप्ता उनके लिए मार्गदर्शक की भूमिका में रहे. उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने शैवाल गुप्ता को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा है. पुरस्कार मिलने के बाद से शैवाल गुप्ता के परिवार में खुशी का माहौल है.

अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता को पद्मश्री पुरस्कार

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इस दौरान शैवाल गुप्ता की पत्नी उषा सी गुप्ता से ईटीवी भारत संवाददाता ने खास बातचीत की. उषा सी गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि शैवाल गुप्ता 24 घंटे में 4 घंटे ही सोते थे. 20 घंटे वह काम करते थे. उनके काम करने के तरीकों से नाराज नहीं होती थी, क्योंकि पूरा परिवार ही समाज सेवा में था. उषा सी गुप्ता ने कहा कि अगर आज की तारीख में शैवाल गुप्ता होते तो बेहद खुश होते. पुरस्कार की खबर सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए.

''उन्हें किताबों से बेहद लगाव था. उनकी घर में बहुत बड़ी लाइब्रेरी है. वो चाहते थे कि रिटायरमेंट के बाद हम लाइब्रेरी में ही बैठकर काम करें. वो अपने आखिरी समय तक भी लिखते ही रहे हैं. पढ़ना, लिखना और भविष्य के लिए मार्गदर्शक बनना तो उनका पैशन था. उन्हें सम्मान मिलने से हम सभी काफी खुश हैं.''-उषा सी गुप्ता, शैवाल गुप्ता की पत्नी

बता दें कि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, सेंटर फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनेंस के पूर्व निदेशक और आद्री के पूर्व सदस्य सचिव शैवाल गुप्ता को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है. शैवाल गुप्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निकट रहने वाले उन खास लोगों में थे जो बहुत बेहतर आर्थिक समझ रखते थे. पिछले साल 28 जनवरी को उनका निधन पटना में हुआ था. वो गंभीर बीमारी से जूझते रहे, लेकिन बहुत कम लोग यह जान पाए. वे इतने जीवंत इंसान थे कि हरदिल अजीज थे. उनके गुरु प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी ने भी उनको पुरस्कार देने की घोषणा पर खुशी जाहिर की है.

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