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Bihar Agriculture News : बिहार में 1 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद, किसान पराली ना चलाएं इसपर विशेष नजर - बिहार में पराली जलाने पर केस

एक सप्ताह बाद बिहार में सरकारी रूप से धान की खरीदारी शुरू हो जाएगी. इस बार बिहार सरकार ने प्रति क्विंटल 2183 रुपये धान खरीद की घोषणा की है. इसके साथही पराली ना जलाने पर भी सरकार ने विशेष जोर दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

Bihar Agriculture Etv Bharat
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 23, 2023, 4:28 PM IST

पटना : बिहार में इस साल धान की खरीदारी 1 नवंबर से शुरू हो जाएगी. इस साल सरकार की ओर से 45 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि धान की कटाई के साथ प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए किसान पराली ना जलाएं इसके लिए सरकार की ओर से तैयारी की गई है. मुख्यमंत्री के स्तर पर विशेष निर्देश दिया गया है. किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए विशेष मदद दी जा रही है. जो किसान नहीं मानेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

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एक नवंबर से धान की खरीदारी : इस साल 1 नवंबर से उत्तर बिहार में धान की खरीदारी शुरू होगी तो वहीं दक्षिण बिहार में 15 दिन बाद 15 नवंबर से धान की खरीदारी पैक्सों के माध्यम से की जाएगी. इस बार बिहार सरकार ने प्रति क्विंटल 2183 रुपये धान खरीद की घोषणा की है जो पिछले साल से 143 रुपए अधिक है. 45 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है.

कहां पर कैसा है AQI : वायु गुणवत्ता के मामले में सबसे खराब स्थिति बेगूसराय की है. 21 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट के अनुसार बेगूसराय का 257 AQI है. वहीं पटना का AQI 183, मुजफ्फरपुर का 166, सहरसा का 167, भगालपुर का 150, गया का 141, राजगीर का 104 था. ठंड के मौसम बढ़ने और पराली जलाने से बिहार के प्रमुख शहरों का एक एक्यूआई और भी खराब हो सकता है. इसलिए सरकार की तरफ से पराली किसान ना जलाने के लिए कई तरह के निर्देश दिए गए हैं.

सड़कों पर वाहनों से पानी का छिड़काव : वहीं, दूसरी तरफ नगर निगम की तरफ से शहर में प्रमुख सड़कों पर जहां यात्रा अत्यधिक है, वाहनों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है. बिहार के प्रमुख शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक को लेकर ठंड शुरू होने से पहले ही परेशानी बढ़ने लगी है. किसानों के पराली जलाने के साथ धूलकण बिहार के शहरों के प्रदूषण का बड़ा कारण है. शहरों में नगर निगम के तरफ से प्रमुख सड़कों पर वाहनों से पानी का छिड़काव भी हो रहा है.

बालू गाड़ियों को ढक कर जाने का निर्देश :अभी बालू का खनन भी शुरू हो चुका है सरकार के तरफ से बालू ढोने वाली गाड़ियों को ढक कर ले जाने का निर्देश दिया गया है. वहीं निर्माण के इलाकों में भी विशेष सतर्कता बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. वहीं धान की कटाई शुरू होने पर किसान पराली ना जलाएं उसके लिए कृषि विभाग के तरफ से तैयारी की गई है.

पराली जलाने वाले किसानों पर हुआ था FIR : किसानों को विशेष रूप से जागरूक किया जा रहा है सरकार की ओर से कृषि यंत्रों पर 75 से 80% तक अनुदान दिया जा रहा है, जिससे किसान फसल अवशेष प्रबंधन कर सकें. पिछले साल बिहार सरकार की ओर से पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर करने का आदेश दिया गया था. मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखने और राज्य में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए किसानों पर एफआईआर करने का सरकार ने फैसला लिया था. कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार कई किसानों पर कार्रवाई की गई.

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आपदा प्रबंधन और कृषि विभाग को विशेष निर्देश :इस साल भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धान खरीद की समीक्षा बैठक में किसानों में पराली नहीं जलाने के लिए जागरूकता लाने और सख्ती बरतने का निर्देश दिया है क्योंकि पिछले साल बिहार के कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक देश में सबसे ऊपर पहुंच गया था. इस साल भी बेगूसराय अभी नंबर एक पर है और कई शहरों की स्थिति बहुत खराब है. मुख्यमंत्री के स्तर पर आपदा प्रबंधन प्राधिकार सहित कृषि विभाग को विशेष निर्देश दिया गया है.

लगातार रखी जाती है नजर : पराली जलाने के कारण देश के कई इलाकों में प्रदूषण की एक बड़ी समस्या देखने को मिलती है. देश की राजधानी दिल्ली सहित कई इलाकों में पराली जलाने के कारण वायु गुणवत्ता की स्थिति बहुत ही खराब हो जाती है. हालांकि कुछ वर्षों में बिहार में भी पराली जलाने की घटनाएं देखने को मिल रही है. इसके कारण कुहासा के साथ पराली बिहार के कई शहरों की गुणवत्ता को प्रभावित करता है. इसलिए सरकार की तरफ से लगातार इस पर नजर रखी जा रही है.

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