पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण (Corona Infection in Bihar) अब काफी नियंत्रण में है. दिन प्रतिदिन संक्रमित मरीजों की संख्या भी घटती जा रही है. बिहार में कोरोना (Corona in Bihar) की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ था.
कई लोगों की जान भी इसी कारण चली गई थी. वहीं, बिहार सरकार का दावा है कि यदि तीसरी लहर आती है तो उससे निपटने में वो सक्षम है, लेकिन कोरोना काल में बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है.
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ऑक्सीजन प्लांट लगाने का किया था वादा
दरअसल, बिहार के 10 अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगना था, जिसकी घोषणा उद्योग विभाग ने 13 मई को की थी. उद्योग विभाग ने कहा था कि मई और जून के दूसरे हफ्ते तक ये कार्य पूरा हो जाएगा और ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो जाएगा, ताकि लोगों को ऑक्सीजन की समस्या ना हो.
बिहार सरकार के वादे निकले खोखले
जून का आधा महीना गुजरने के बाद जब ईटीवी भारत ने जानने की कोशिश की कि आखिर ऑक्सीजन प्लांट का क्या हुआ, जिसके बाद जो जानकारी हमें मिली उसे जानकर हम हैरान रह गए.
दरअसल, उन 10 में से अब तक एक भी प्लांट नहीं लगे हैं. हालांकि, प्लांट लगाने के लिए जिस कंपनी को जिम्मा दिया गया था, उसे बियाडा द्वारा दो प्लांट के लिए एडवांस पैसे भी दिए जा चुके हैं, लेकिन अब तक ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगा है.
कोरोना काल में बड़ी लापरवाही
बता दें कि राज्य सरकार ने ब्रावो फार्मा को इसका जिम्मा दिया था. एक प्लांट के लिए कंपनी को 60 लाख रुपये मिलने है. कोरोना काल में एक बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है, जहां एक ओर सरकार कह रही है कि हम तीसरी लहर के लिए तैयार हैं और जो सबसे जरूरी चीज है ऑक्सीजन उसमें ही इतनी बड़ी लापरवाही बरती जा रही है.