पटना:कोरोना महामारी के दूसरे लहर से देश और राज्य बुरी तरह प्रभावित हुआ. कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जहां अस्पताल में बेड़ों की कमी हो गई. वहीं, ऑक्सीजन के अभाव में कई मरीजों की मौत हो गई. मरीजों के परिजन ऑक्सीजन की आपूर्ती को लेकर काफी भाग-दौड़ किए, लेकिन ऑक्सीजन की कहीं भी आपूर्ती नहीं हो पाई. बड़े-बड़े सरकारी अस्पताल और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हो गई.
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बिहार में भी ऑक्सीजन को लेकर हुई मारामारी
बिहार में भी कोरोना के दूसरे लहर से ऑक्सीजन को लेकर सबसे अधिक मारामारी हुई. कई कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण हो गई. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से राज्य को ऑक्सीजन मुहैया कराया जा रहा है. लेकिन अब बिहार को ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी हो रही है. इसमें केंद्र सरकार की अहम भूमिका होगी.
केंद्र की ओर से 15 स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट
केंद्र सरकार ने बिहार के 15 स्थानों पर ऑक्सीजन उत्पादन के लिए प्लांट लगाने का फैसला लिया है. इन प्लांट के स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसकी मॉनिटरिंग रक्षा मंत्रालय के डीआरडीओ की ओर की जाएगी. इसके साथ ही बिहार की मदद के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय भी राज्य के 9 मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है.
भारत सरकार बिहार के 15 स्थानों पर ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने की तैयारी कर रही है.
बिहार के जिन 15 स्थानों पर ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट केंद्र लगा रही है, उसमें ये स्थान हैं.
भारत सरकार बिहार के 15 स्थानों पर ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने की तैयारी कर रही है बिहार के 9 मेडिकल कॉलेजों में पेट्रोलियम मंत्रालय ऑक्सीजन प्लांट लगा रहा है.
पेट्रोलियम मंत्रालय का आयल इंडिया लिमिटेड जिन मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाएगा उसमें ये अस्पताल शामिल हैं.
बिहार के 9 मेडिकल कॉलेजों में पेट्रोलियम मंत्रालय ऑक्सीजन प्लांट लगा रहा है. बिहार के 9 मेडिकल कॉलेजों में पेट्रोलियम मंत्रालय ऑक्सीजन प्लांट लगा रहा है. ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट नमलीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) की ओर से ये सभी ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा. अगले 3 महीने में सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी है.
बिहार सरकार ने भी की तैयारी
हालांकि बिहार सरकार ने भी अपने स्तर से 10 अनुमंडल अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन उत्पादन यूनिट लगाने का फैसला किया है. साथ ही कई बंद पड़े प्लांट को फिर से शुरू किया जाएगा. फिलहाल बिहार में 19 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट काम कर रहा है. वहीं, बिहार सरकार ने हाल ही में नई ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट को लेकर पॉलिसी भी तैयार की है. इसमें 30 प्रतिशत तक सब्सिडी 1 सप्ताह में उद्यमियों को मिलेगा.
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पांच सदर अस्पतालों में बिहार सरकार की ओर से ऑक्सीजन उत्पादन जेनरेशन प्लांट लगाया जा रहा है. इसमें से एक मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में उत्पादन शुरू हो चुका है.
- मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल 200 एलपीएम क्षमता
- कटिहार सदर अस्पताल 200 एलपीएम क्षमता
- औरंगाबाद सदर अस्पताल 200 एलपीएम क्षमता
- सीतामढ़ी सदर अस्पताल 200 एलपीएम क्षमता
- अररिया सदर अस्पताल 200 एलपीएम क्षमता
इसके अलावा बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बियाडा के माध्यम से 55 बेड वाले 10 अनुमंडल अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाने का फैसला लिया है. इनमें ये अस्पताल हैं.
बियाडा के माध्यम से 55 बेड वाले 10 अनुमंडल अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाने का फैसला कई बंद ऑक्सीजन प्लांट को किया जाएगा शुरू
बिहार के कई निजी क्षेत्रों में बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को भी फिर से शुरू किया जा रहा है. इसमें राजधानी पटना के बिहटा में गंगोत्री ऑक्सीजन प्लांट लंबे समय से बंद है. वहां पर 17 मई से ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा. इसी तरह कई जिलों में जो ऑक्सीजन प्लांट बंद है, उसे फिर से शुरू किया जा रहा है. प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्देश दिया गया है.
बिहार होगा आत्मनिर्भर
केंद्र और राज्य सरकार के प्रायस से इतने सारे ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने से बिहार ऑक्सीजन उत्पादन में पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा. बिहार को 300 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उत्पादन से अधिक की क्षमता प्राप्त हो जाएगी.
केंद्र सरकार ने बढ़ाया हाथ
बिहार में फिलहाल 19 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट काम कर रहा है और पिछले 1 महीने में ऑक्सीजन की आपूर्ति 3 गुना बढ़ गई है. 15 अप्रैल से पहले तक केवल 50 से 70 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही थी, लेकिन अब 214 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति बिहार में हो रही है. इसलिए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट के लिए केंद्र सरकार हाथ बढ़ा रही है.