पटना: कोरोना संक्रमण के बढ़ते स्तर के कारण ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग काफी बढ़ गई है. ऐसे में राजधानी पटना के सरकारी और निजी अस्पतालोंमें ऑक्सीजन सिलेंडर आपूर्ति करने वाले प्लांट के कर्मी कह रहे हैं कि केमिकल की कमी है, इसी वजह से वह ऑक्सीजन की आपूर्ति की इतनी मांग है. मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
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'सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस मुहैया करवाना पहली प्राथमिकता'
बात करें पटना के सिपारा बाईपास स्थित मैसर्स ऊषा एयर प्रोडक्ट्स लिमिटेड की तो यहां के मैनेजर कहते हैं कि केमिकल की कमी की वजह से उनके प्लांट में पहुंचने वाले प्राइवेट अस्पतालों के कर्मियों को ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति डिमांड के अनुसार नहीं कर पा रहा है. उनका कहना है कि हम लोगों की पहली प्राथमिकता सरकारी अस्पतालों की होती है, पहले ऑक्सीजन गैस सरकारी अस्पतालों में मुहैया करवाते हैं.
बता दें कि इस प्लांट में 24 घंटे मौजूद और कर्मचारी लगातार ऑक्सीजन गैस रिफलिंग करने का कार्य करते हैं. हालांकि, इस प्लांट में आए निजी अस्पताल के कर्मी इस प्लांट से ऑक्सीजन आपूर्ति का रोना रोते नजर आ रहे हैं.
अस्पतालों में ऑक्सीजन की बढ़ी मांग वहीं, सिपारा बाईपास स्थित ऑक्सीजन प्लांट पर पहुंचे निजी अस्पताल के कर्मी कहते हैं कि उनके अस्पतालों में ऑक्सीजन की डिमांड जितनी है उसके अनुसार उन्हें 50% ऑक्सीजन मिल पा रहा है.
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मजिस्ट्रेट रैंक के अधिकारियों की तैनाती
पटना जिला प्रशासन के आदेश के बाद ऑक्सीजन गैस सप्लाई करने वाले सभी तीनों प्लांट पर मजिस्ट्रेट रैंक के अधिकारियों की तैनाती की गई है. इसी कड़ी में पटना बारा बाईपास स्थित ऑक्सीजन प्लांट में मौजूद मैसेज बताते हैं की इस प्लांट में ऑक्सीजन गैस लेने पहुंचने वाले अस्पतालों के कर्मियों की मुकम्मल जांच के बाद ही उन्हें ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का दिशा-निर्देश जारी किया जा रहा है. हालांकि, इस प्लांट पर आए कई अस्पताल के लोगों को ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पा रही है.