पटना:राजधानी पटना के मसौढ़ी इलाके में पुनपुन नहर परियोजना (Punpun Canal Project) को बंद करने को लेकर बड़े आंदोलन की तैयारी चल रही है. इसको लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले मसौढ़ी अनुमंडल में विभिन्न प्रखंड के गांव-गांव में इन दिनों किसानों की बैठक का दौर चल रहा है. किसानों की माने तो सरकार के द्वारा कृषि भूमि की लूट के खिलाफ आवाज बुलंद किया जा रहा है. सरकार ने जो प्रस्ताव लाया है, उससे हटकर यह परियोजना चलाई जा रही है.
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किसानों ने बनाई रणनीति: आगामी 3 अप्रैल को अनुमंडल कार्यालय पर किसानों द्वारा धरना दिया जाएगा. अखिल भारतीय किसान महासभा के पटना जिला के अध्यक्ष उमेश शर्मा ने बताया कि पुनपुन नहर परियोजना का प्रस्तावित हामिद नगर से मात्र 30 किलोमीटर की परिधि में ही प्रस्तावित है, फिर भी मसौढ़ी और पुनपुन प्रखंड के सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि को औने-पौने भाव से अधिग्रहण किया जा रहा है, इसका क्या मतलब है. उनको एक बरसाती नदी है, जिसे इतने बड़े क्षेत्र में इस प्रस्तावित नहर से सिंचाई करना संभव नहीं है.
पुनपुन नहर परियोजना को लेकर किसान परेशान: उमेश शर्मा ने कहा कि स्थानीय किसान बहुत दिनों से पुनपुन नदी को किस कोरा में बांधकर आहर प्वॉइंट से सिंचाई की मांग लगातार कर रहे हैं, जिससे जमीन भी बर्बाद नहीं होता है. लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं कर अनुपयोगी परियोजना किसानों पर थोप रही है. किसान इसका जबरदस्त विरोध करेंगे और अपने जीवन के अंत तक संघर्ष करते रहेंगे. और किसान आंदोलन के जरिए किसान और कृषि भूमि के खिलाफ सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा.
बैठक में कई लोग हुए शामिल: बताया जा रहा कि सरकार के साथ कॉर्पोरेट देश की रोटी पर कब्जा कर गरीबों के भूख का व्यवसाय करना चाह रहे हैं. किसान देश के अन्नदाता हैं, किसी भी मूल्य पर कॉर्पोरेट के मंसूबों को पूरा नहीं होने देंगे. बिहार में एपीएमसी एक्ट को बहाल करने, कृषि मंडियों को पुनः चालू करने, फसलों की सरकारी खरीद की गारंटी की मांग समेत अन्य मांग करेंगे. बैठक में अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव उमेश सिंह, जिला सचिव कृपा नारायण सिंह, प्रखंड सचिव शशि यादव, जिला कमेटी सदस्य सत्यनारायण वर्मा, दिनेश यादव, कामेश्वर सिंह, तपेश्वर सिंह, सुपौल सिंह, रमेश सिंह, उदय सिंह आदि शामिल रहे.