नीतीश के संयोजक बनने पर सस्पेंस. पटना: मुंबई में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर सरगर्मी बढ़ने लगी है. मुंबई में विपक्षी दलों की तीसरी बैठक होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस बैठक में भाग लेने जाएंगे. बैठक में नीतीश कुमार को संयोजक बनाये जाने को लेकर इस बार भी सस्पेंस बना हुआ है. मुंबई की बैठक में संयोजक के साथ सीट शेयरिंग पर चर्चा होनी है. विपक्षी दलों का कुनबा और बड़ा हो सकता है.
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संयोजक पर सस्पेंस: संयोजक को लेकर पूछे जा रहे सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार बयान दे रहे हैं कि 'मुझे कुछ भी नहीं चाहिए, मैं तो विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगा हूं'. लेकिन, पटना की बैठक में और फिर उसके बाद बेंगलुरु की बैठक में भी नीतीश कुमार के संयोजक को लेकर चर्चा होती रही. अब मुंबई की बैठक में भी संयोजक को लेकर फिर से चर्चा शुरू है. ऐसे लालू प्रसाद यादव ने बयान दिया था कि एक से अधिक संयोजक होगा, लेकिन जदयू के नेता इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
"मुंबई की बैठक पर सब की नजर है. बिहार के लोगों की इसलिए विशेष नजर है क्योंकि नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता की मुहिम की शुरुआत की है. नीतीश कुमार भले ही यह कहते हो कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए, लेकिन उनकी दिली इच्छा जरूर होगी कि महत्वपूर्ण पद मिले. इसमें कांग्रेस क्या सोचती है, यह महत्वपूर्ण होगा. अन्य दलों का क्या निर्णय होता है वह भी देखना होगा."- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विश्लेषक
अन्य दलों पर भी नजरः पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि हम लोग तो नीतीश कुमार जो चाहेंगे उसके साथ हैं. यदि उन्हें संयोजक बना दिया जाता है तो हम लोग मजबूती से उनके साथ खड़े हैं. राजीव रंजन ने यह भी कहा कि इस बार और अधिक संख्या में विपक्षी दल की बैठक होगी. बता दें कि जहां एक तरफ विपक्षी खेमे में 26 दल बेंगलुरु की बैठक में शामिल हुए थे तो वहीं एनडीए की बैठक में दिल्ली में 36 दलों के शामिल होने की बात कही गई थी. लेकिन कई दल ऐसे हैं जो एनडीए और इंडिया से अभी अपने को अलग किए हुए हैं. अब सबकी नजर मुंबई की बैठक में कौन नए दल शामिल होते हैं.
विपक्षी एकजुटता की मुहिम अबतक: नीतीश कुमार NDA से निकलने के बाद बीजेपी के खिलाफ पूरे देश में विपक्ष को एकजुट करने का मुहिम चला रहे हैं. पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक की थी जो काफी सफल रही. उसके बाद बेंगलुरु में दूसरी बैठक हुई, जिसमें गठबंधन का नाम इंडिया दिया गया. पहली बैठक में 15 दल शामिल हुए थे तो वहीं बेंगलुरु की दूसरी बैठक में 26 दल शामिल हुए थे. अब दलों की संख्या बढ़ने की बात कही जा रही है, लेकिन कौन दल शामिल होंगे अभी तक खुलासा नहीं हुआ है. वहीं संयोजक को लेकर भी सस्पेंस बना हुआ है.