पटना:विधानसभा चुनाव संपन्न होते ही बिहार में आपराधिक घटनाएं बढ़ने लगी हैं. अपराधी बिल्कुल बेलगाम हो गए हैं. ऐसा लगने लगा है कि सुशासन का इकबाल खत्म हो रहा है. लिहाजा, आनन-फानन में मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों के साथ तीन बैठकें भी की. लेकिन अपराधियों पर लगाम लगती नहीं दिखी.
आपराधिक घटनाओं से दहला बिहार
आमतौर पर विधानसभा चुनाव के पहले और चुनाव के बाद आपराधिक घटनाओं में इजाफा होता है. पुलिस प्रशासन भी इसे लेकर चौकस रहता है लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव के बाद बेखौफ अपराधियों ने एक के बाद एक घटना को अंजाम देकर विधि व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. नवादा में अपराधियों ने दो लोगों की खुलेआम हत्या कर दी. डबल मर्डर की इस वारदात के बाद इलाके में सनसनी का माहौल है. वहीं, पहले हाजीपुर और फिर मुजफ्फरपुर में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे.
राज्य के अंदर लूट की घटनाएं आम हो गई हैं. दरभंगा में 10 करोड़ के सोने की लूट की घटना हो या सिवान में 10 लाख की लूट की वारदात, अपराधियों आए दिन कांड कर रहे हैं. ऐसे में एक कांड का खुलासा होता नहीं कि दूसरा सामने आ जाता है. इसको लेकर विपक्ष हमलावर होता दिखाई दे रहा है.
आरजेडी ने साधा निशाना
बिहार में बढ़ रहीं आपराधिक घटनाओं को लेकर सियासी गर्मागर्मी तेज हो गई है. राजद ने हालात को बेकाबू बताते हुए कहा कि राज्य के अंदर महा जंगलराज जैसी स्थिति है. पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि विधि व्यवस्था की स्थिति बदतर है और सरकार पूरी तरह फेल है.