पटना: महज कुछ घंटे की बारिश की वजह से शहर में जलजमाव की स्थिति बन गई. शहर में जलजमाव को लेकर विपक्ष सरकार पर एक बार फिर से हमलावर होते हुए दिख रहा है. बारिश और जलजमाव के मुद्दे पर एक बार फिर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
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राजधानी पानी-पानी
चक्रवर्ती तूफान की वजह से सुबह से हो रही बारिश ने निगम प्रशासन के सभी दावों को पानी-पानी कर दिया है. शहर में लगे जलजमाव से निजात के लिए नगर निगम कर्मी लगातार पानी निकालने में लगे हुए हैं. 10 या 12 जून से मानसून सक्रिय होने वाला है. ऐसे में शहर में जलजमाव न हो. इसके लिए निगम प्रशासन की तरफ से नालों की सफाई की जा रही है. लेकिन विपक्ष इसे लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.
'जब वैशाख महीने की बारिश में ही राजधानी पटना झील के रूप में तब्दील हो गई. तो बरसात के मौसम में क्या हाल होगा. इस बारिश से राजधानीवासी यह अंदाजा लगा सकते है कि इस बार भी जलजमाव हो सकता है. सरकार के इस नकारात्मक रवैये की वजह से लगता है कि एक बार फिर पटना जलमग्न हो जाएगा.'- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी
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'महज कुछ घंटों की बारिश से पटना की सड़कों पर जलजमाव होना दर्शाता है कि सरकार सिर्फ वादा करती है. बरसात के पूर्व सभी नाले की उड़ाही के जो दावे किए गए थे वे खोखले साबित हुए हैं. हल्की बारिश ने निगम की सभी तैयारियों पर पानी फेर दिया. जब हल्की बारिश की वजह से जलजमाव की स्थिति बन गई तो हमें लगता है कि अब वह वक्त फिर एक बार आएगा जिस तरह से 2019 में 3 दिन की बारिश की वजह से राजधानीवासियों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा था.'- राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस
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'कहीं भी लगातार लंबे समय तक बारिश होती है तो उन स्थानों पर निश्चित ही जलजमाव की स्थिति बन जाती है. लेकिन कुछ ही घंटों तक पानी सड़क पर या मोहल्ले में लगती है और फिर नालों में चली जाती है. स्थिति सामान्य हो जाती है. आज सुबह से जिस तरह से बारिश हुई है, जो जलजमाव हुए हैं, वह धीरे-धीरे निकल भी रहा है. लेकिन विपक्ष के लोग इस पर भी राजनीति कर रहे हैं.' - अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू
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