पटना:राज्य में शराबबंदी बस माखौल बनकर रह गई. सरकारी दावों के मुताबिक बिहार में पूर्ण शराबबंदी है.होली के दौरान पूर्ण शराबबंदी मखौल बन गई और जहरीली शराब पीने से कई लोग मौत के मुंह में समा गए. बिहार के कई इलाकों में जश्न मातम में बदल गया इधर सूचना मिलते ही अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे. मौत के बाद लीपापोती में जुटी सरकार पर विपक्षी दल के नेता निशाना साध रहेहैं, तो वहीं सत्ता अभी भी सरकार के बचाव में है. साथ ही एनडीए के घटक दल के नेता भी अब अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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शराबबंदी से मौत पर लीपापोती का आरोप
होली के दौरान तो सरकार के दावों की कलई खुल गई. राज्य के अलग-अलग इलाकों में जहरीली शराब पीने से दर्जन भर से ज्यादा बेगुनाह मौत के मुंह में समा गए मिल रही जानकारी के मुताबिक त्यौहार के दौरान नालंदा में 9 रोहतास में पांच और बेगूसराय में दो लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से होने की खबर है. मौत के कारणों को लेकर प्रशासन के लोग अलग-अलग तर्क गढ़ कर मामले की लीपापोती में जुटे हैं.
राजद ने सरकार पर निशाना साधा
शराबबंदी कानून के रिव्यू की वकालत कर राजद ने पूर्ण शराबबंदी पर सरकार को कई बार कटघरे में खड़ा किया है पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भाई बीरेंद्र ने कहा है कि कमोबेश हर जिले से जहरीली शराब पीने से मौत की खबर आ रही है लेकिन सरकार के अधिकारी उसे दबाने में जुटे हैं बिहार में कहीं भी ना तो शराब की आवाजाही पर रोक है ना ही उत्पादन को लेकर सख्ती दिखाई पड़ती है. जहरीली शराब पीने से मौत के मामले सामने आने से सरकार के दावों की पोल भी खुल गई है.