पटना: 2011 की जनसंख्या के अनुसार बिहार की कुल शहरी आबादी मात्र 1 करोड़ 3 लाख है. जो राज्य की कुल जनसंख्या का 11.3 प्रतिशत है. जबकि देश में 2011 की जनगणना के अनुसार शहरीकरण जनसंख्या का अनुपात 31.2 प्रतिशत है. शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार ने विभिन्न जिलों में नए नगर पंचायत और नगर परिषद का गठन, वर्तमान नगर पंचायत का नगर परिषद में उत्क्रमण और वर्तमान नगर निकाय के क्षेत्र विस्तार किए जाने पर फैसला लिया है.
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नगर निकाय 142 से 258 किए
नीतीश सरकार ने 109 नए नगर पंचायतों का गठन, 34 नगर परिषदों का गठन, 32 नगर पंचायतों को नगर परिषद में उत्क्रमण, 5 नगर परिषद का नगर निगम में उत्क्रमण और 12 नगर निकायों का क्षेत्र विस्तार करने का फैसला लिया है. जिसके बाद बिहार में नगर निगम 12 से बढ़कर 18, नगर परिषद 49 से बढ़कर 83, नगर पंचायत 81 से बढ़कर 157 हो जाएगी. इस तरह नगर निकायों की संख्या 142 से बढ़कर 258 की. इस तरह शहर की जनसंख्या 1 करोड़ तीन लाख से बढ़कर एक करोड़ 59 लाख हो जाएगी और राज्य में शहरी जनसंख्या का अनुपात 11.3 प्रतिशत से बढ़कर 15.28 प्रतिशत हो जाएगा.
निकाय बढ़ाने से विपक्ष असहमत
ऐसे स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत राजधानी पटना, भागलपुर, बिहार शरीफ और मुजफ्फरपुर स्वीकृत है. 5 वित्तीय वर्ष में केंद्र और राज्य सरकार की भागीदारी 50-50 प्रतिशत है और इसके कारण जो बड़े शहर हैं, उसका भी फैलाव होगा. लेकिन विपक्ष बिना सुविधा के नगर निकायों की संख्या बढ़ाने पर सवाल खड़ा कर रहा है.
सरकार की मंशा पर विपक्ष के सवाल
सरकार के इस फैसले पर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि बिना किसी सुविधा बढ़ाए सरकार नगर निकायों की संख्या में तेजी से इजाफा कर रही है. ये सब कुछ लोगों से टैक्स वसूली के लिए किया जा रहा है.
''सरकार ने किसी तरह की सुविधा लोगों को नहीं दी है, केवल टैक्स के लिए नगर पंचायत बना रही है''-अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम