पटना: 26 जुलाई से मानसून सत्र (Monsoon Session Of Bihar Legislative) के ऐलान के साथ ही बिहार विधानसभा(Bihar Assembly) और बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Council) दोनों जगह इसकी तैयारियां शुरू हो गई है. राजनीतिक दल भी अखाड़े में उतरने के लिए तैयारी में जुट गए हैं. विधानमंडल का यह सत्र भी काफी हंगामेदार रहने की संभावना है. विपक्ष (Opposition)ने सरकार को संकट में डालने के लिए खास रणनीति तैयार की है.
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सरकार का लिटमस टेस्ट
सत्ता पक्ष (Nitish Government ) और विपक्ष के बीच विधायकों संख्या का अंतर बहुत कम है. बिहार विधानसभा में एनडीए के समर्थन में कुल 127 विधायक हैं. जदयू के 2 विधायकों की मौत हो चुकी है और पार्टी के विधायकों की संख्या घटकर 41 रह गई है. लोजपा, बसपा और एक निर्दलीय विधायक को जोड़ दें तो जदयू कोटे में कुल 44 विधायक रह जाते हैं.
सदन के अंदर विपक्ष सरकार को घेरने के लिए तैयार है. जनहित के मुद्दों पर हम सरकार को कटघरे में खड़ा करेंगे. यह सरकार अपने अंतर्विरोध के कारण ही गिरेगी. हमें जो सही लगेगा हम समय आने पर अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे. - अनवर हुसैन,राजद प्रवक्ता
जदयू के भीतर घमासान
243 सदस्यों के विधानसभा में जदयू, बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी है. नीतीश कुमार की पार्टी को महज 43 सीटें मिली थी. बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी ने इस्तीफे की पेशकश की है और वह जिद पर अड़े हैं. 3 दिन पहले जदयू के पूर्व विधायक मंजीत सिंह (Manjit Singh) ने तेजस्वी यादव से मिलकर बिहार का राजनीतिक पारा चढ़ा दिया था.
हिम्मत है तो राजद अविश्वास प्रस्ताव लाकर देख ले. पता चल जाएगा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ कितने विधायक हैं. विपक्ष के पास ताकत नहीं है केवल जुमलेबाजी करते हैं. महागठबंधन के लोग घबराये हुए हैं कि कहीं उनके विधायक सरकार के पक्ष में ना जाए. - संजय टाइगर,भाजपा प्रवक्ता