पटना: बिहार में लगातार कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार ने नाइट कर्फ्यू भी लगा दिया है. ताकि मरीजों की संख्या में कमी आ सके. इसके बावजूद संक्रमितों की संख्या मिल रही हैं. संक्रमितों के आंकड़े को देखते हुए विपक्षी दलों ने अब राज्य सरकार से राज्य में हेल्थ आपातकाल की डिमांड करनी शुरू कर दी है.
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उठाना होगा ठोस कदम
'आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए कहा है. राज्य में जो स्थिति और परिस्थिति बन रही है. वो काफिर भयावह है और लगातार राज्यवासियों पर खतरा मंडरा रहा है. अब तो लाशों के ढेर पर बिहार खड़ा होना शुरू हो गया है. जिस तरह से संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, लोगों की जान जा रही है. उधर सरकार सिर्फ हाथ पर हाथ धरकर बैठी है. ऐसे में राज्य में मेडिकल इमरजेंसी के हालात बनते जा रहे हैं. सरकार ने राज्य में नाइट कर्फ्यू भले ही लगा दिए हो. लेकिन इससे कोई फायदा नहीं मिल रहा है. बिहार में रात में लोग घरों से बाहर ऐसे भी नहीं निकलते हैं. कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए राज्य सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए. राज्य में हेल्थ इमरजेंसी लागू कर देनी चाहिए.'-मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता आरजेडी
हर जगह परेशान हैं लोग
'जिस तरह से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. वो काफी चिंता का विषय बना हुआ है. जिस तरह से राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है .लोगों को अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, दवा भी नहीं मिल रही है, ऑक्सीजन की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है, यहां तक बड़ी संख्या में डॉक्टर के साथ नर्स भी संक्रमित मिल रहे हैं. जो संतोषजनक स्थिति नहीं है. यदि सरकार को कोरोना से सचमुच में लड़ना है, लोगों की जान बचानी है, तो विपक्ष लगातार सरकार के निर्णय को स्वीकार करेगी. इसलिए हम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग कर रहे हैं. कि बिहार में जो परिस्थिति बनी है, जो संसाधन सरकार के पास उपलब्ध हैं. उसको देखते हुए तत्काल में राज्य सरकार को मेडिकल इमरजेंसी की घोषणा कर देनी चाहिए और उस दिशा में सरकार को आगे बढ़ना चाहिए.'-प्रेमचंद्र मिश्रा, कांग्रेस नेता