पटना:एक तरफ मोदी सरकार धड़ाधड़ बड़े फैसले ले रही है. तो वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष के सांसद एक के बाद एक करके इस्तीफा दे रहे हैं. राज्यसभा में अब तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के कुल चार सांसद इस्तीफा दे चुके हैं. इसको लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमालवर है.
मालूम हो कि मोदी सरकार तीन तलाक और फिर धारा 370 समेत कई मुद्दों पर सुपर स्पीड में फैसले ले रही है. इस बीच कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसदों का इस्तीफा भी जारी है. एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद नीरज शेखर और सुरेंद्र नागर ने इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया. वहीं, गांधी परिवार के करीबी रहे कांग्रेस सांसद संजय सिंह भी अब बीजेपी के हो चुके हैं.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट कई सांसद दे चुके हैं इस्तीफा
यह सिलसिला यहीं नहीं थमा है. सोमवार को कांग्रेस के असम से राज्यसभा सांसद भुवनेश्वर कलिता ने भी इस्तीफा दे दिया. चर्चा है कि कलिता भी बीजेपी में शामिल होने वाले हैं. समाजवादी पार्टी के सांसद संजय सेठ के भी इस्तीफे की खबर सुनने में आ रही हैं.
इन सांसदों ने दिया इस्तीफा:
- कांग्रेस सांसद भुवनेश्वर कलिता
- गांधी परिवार के करीबी कांग्रेस सांसद संजय सिंह
- समाजवादी पार्टी के सांसद संजय सेठ
- समाजवादी पार्टी के सांसद नीरज शेखर और सुरेंद्र नागर
आरजेडी ने लगाया बड़ा आरोप
बिहार में इन सभी सांसदों के इस्तीफे को लेकर चर्चा गरम है. बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार अलोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही है. देश में जो नेता मोदी सरकार के खिलाफ बोलता है, वह उनके पीछे ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स को लगा देते हैं. उस पर इतना दबाव बनाते हैं कि उसे मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ता है. यह लोकतंत्र के लिए कहीं से भी उचित नहीं है.
कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की कोशिश
शिवानंद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार पूरे विपक्ष को ही खत्म कर देना चाहती है. पहले बीजेपी का नारा कांग्रेस मुक्त भारत था. लेकिन, अब धीरे-धीरे यह नारा विपक्ष मुक्त भारत हो गया है.
बीजेपी ने किया पलटवार
पार्टी के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने सफाई दी है. बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि यह मोदी सरकार के प्रति लोगों का आकर्षण है. सांसद विकास कार्यों से जुड़ना चाहते हैं. बता दें कि लोकसभा में मोदी सरकार प्रचंड बहुमत में है. लेकिन, राज्यसभा में मोदी सरकार के पास बहुमत नहीं है. ऐसे में अगर इसी तरह राज्यसभा के सांसद इस्तीफा देते रहे तो वह वक्त भी दूर नहीं जब राज्यसभा में भी बीजेपी पूर्ण बहुमत में होगी.