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PM से मुलाकात के बाद विपक्ष की बढ़ी उम्मीद, BJP बोली- इंतजार करें, सोच समझकर होगा फैसला

जातीय जनगणना (Cast Census) पर पीएम मोदी से मुलाकात के बाद आरजेडी की उम्मीद बढ़ गई है. वहीं बीजेपी मानती है कि प्रधानमंत्री सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर ही फैसला करेंगे. हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि आर्थिक आधार पर जनगणना ज्यादा बेहतर होगा.

Jitan Ram Manjhi
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Published : Aug 23, 2021, 6:14 PM IST

पटना:जातीय जनगणना (Cast Census) की मांग को लेकर आज दिल्ली में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अगुवाई में बिहार का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मिला है. इस मुलाकात के बाद जहां आरजेडी (RJD) ने उम्मीद जताई है कि उन लोगों की यह मांग जरूर पूरी होगी तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी (BJP) ने कहा है कि पीएम अब सोच विचार कर इस पर कोई निर्णय लेंगे.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात और जातीय जनगणना की मांग पर हालांकि विशेषज्ञों की राय थोड़ी अलग है. वे मानते हैं जातिगत आधार की बजाय अगर आर्थिक आधार पर जनगणना हो और इसी आधार पर लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले तो सबसे बेहतर स्थिति होगी.

देखें रिपोर्ट

मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि पिछड़ों और अति पिछड़ों के विकास की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जरूर जातीय जनगणना की बात स्वीकार करेंगे, क्योंकि अगर वह इससे मुकरते हैं तो कहीं ना कहीं यह उनके 'सबका साथ सबका विकास' की बात को गलत साबित करेगा.

हालांकि बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का मानना है कि प्रधानमंत्री ने खुद सभी नेताओं की बात को बहुत ध्यान से सुना है. वह पूरे देश के राजनीतिक और अन्य स्थितियों को मद्देनजर रखते हुए ही कोई फैसला करेंगे.

बीजेपी प्रवक्ता कहते हैं कि विपक्ष को भी इस बात का ख्याल होना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने बिहार से गए डेलिगेशन की बात कितनी ध्यान से सुनी है. ऐसे में अब उन्हें इस बात का इंतजार करना चाहिए कि केंद्र सरकार इस पर आने वाले वक्त में क्या निर्णय लेती है.

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वहीं, राजनीतिक विश्लेषक जातीय जनगणना से बेहतर आर्थिक आधार पर जनगणना को मानते हैं. वरिष्ठ पत्रकार और बिहार की राजनीति को नजदीक से देखने वाले रवि उपाध्याय की मानें तो जातीय जनगणना का उद्देश्य हर तबके को योजनाओं का लाभ सही तरीके से पहुंचाना है. इसलिए बेहतर यही हो कि जनगणना में आर्थिक आधार को जोड़ा जाए और आर्थिक आधार पर ही समाज के हर तबके को विभिन्न सामाजिक योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए.

आपको बताएं कि पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने हमारी पूरी बात सुनी. सबने जातिगत जनगणना के पक्ष में एक-एक बात कही है. उन्होंने हमारी बात को नकारा नहीं है, हमने कहा है कि इस पर विचार करके आप निर्णय लें.'

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वहीं, पीएम मोदी से मिलने के बाद बाहर मीडिया से बात करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने कहा, 'हमने प्रधानमंत्री से कहा कि हर हालत में जातिगत जनगणना कराएं, ये ऐतिहासिक निर्णय होगा. उन्होंने बहुत गंभीरता से हमारी बात सुनी है इसलिए हमें लगता है कि जल्दी ही कोई निर्णय होगा.'

जातीय जनगणना पर काफी मुखर रहने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी बात गंभीरता से सुनी है, अब हम लोगों को उनके निर्णय का इंतज़ार है. उम्मीद है कि देश और बिहार के हित में पीएम मोदी फैसला लेंगे.'

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