मदन सहनी, समाज कल्याण मंत्री पटनाःनए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं, जिसको लेकर देश की विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर इसका विरोध कर रही हैं. विपक्ष का कहना है किनए संसद भवन का उद्घाटन संवैधानिक तरीके से महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाया जाना चाहिए. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति को अपेक्षित कर आदिवासी समुदाय से आने वाली महिला का अपमान किया जा रहा है.
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'महामहिम को उद्घाटन का मौका देना चाहिए' : जेडीयू नेता और समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव के समय वाहवाही लूटने के लिए बीजेपी के लोगों ने एक आदिवासी समुदाय की महिला को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया. महामहिम राष्ट्रपति के लिए तो जोर शोर से प्रचार किया और जब वो बन गई हैं तो उन्हे अपेक्षित किया जा रहा है. जब आपने एक आदिवासी महिला को महामहिम बनने का अवसर दिया तो उन्हें इस संसद भवन के उद्घाटन का भी मौका देना चाहिए.
"ऐसा लगता है कि बीजेपी ने अपने निजी फंड से इस नए संसद भवन का निर्माण करवाया है. जब आप देश के महामहिम को सम्मान नहीं दे रहे हैं तो दिखावे के लिए दूसरे दलों के नेताओं को आमंत्रित क्यों कर रहे हैं. जब एक आदिवासी महिला को महामहिम बनने का अवसर दिया तो उन्हें इस संसद भवन के उद्घाटन का भी मौका देना चाहिए"- मदन सहनी, समाज कल्याण मंत्री
'नरेंद्र मोदी को देश के लोकतंत्र पर भरोसा नहीं':मदन सहनी ने साफ कहा कि विपक्ष संसद भवन का विरोध नहीं कर रहा, बल्कि देश के प्रधानमंत्री का विरोध कर रहा है. इस विरोध का एक और सबसे बड़ा कारण है कि बीजेपी के नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के लोकतंत्र पर कोई भरोसा नहीं है. हम लोग उसका भी विरोध कर रहे हैं. जब आपकी आस्था लोकतंत्र और देश के संविधान पर नहीं है तो फिर दिखावे करने का क्या फायदा, यही कारण है कि हम लोगों ने इसका विरोध किया है और खुद को इस कार्यक्रम से अलग रखा है.