पटना: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र (Monsoon Session) के अंतिम दिन विपक्षी पार्टियों ने कैग रिपोर्ट (CAG Report) में वित्तीय अनियमितता को लेकर हंगामा किया है. विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने सरकार को घेरने की कोशिश की. दरअसल, कैग की रिपोर्ट में 3 हजार करोड़ से ज्यादा की वित्तीय अनियमितता को दर्शाया गया है. इसे लेकर विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा है.
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वहीं, इस मसले पर मीडिया से बातचीत करते हुए सीपीआई के विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा है कि जो रिपोर्ट आई है वह चौंकाने वाली है. सभी विभागों में वित्तीय अनियमितता देखी गई है. नीतीश सरकार को कम से कम कैग की रिपोर्ट के बाद भी आंख खोलने की जरूरत है. हम लोग शुरू से कह रहे हैं कि सभी विभागों में घोटाला हो रहा है. मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
'कैग की रिपोर्ट चौंकाने वाली है. बिहार सरकार के सभी विभागों में बड़े घोटाले हुए हैं. इस मामले की विधानसभा की समिति बनाकर जांच होनी चाहिए.':- अजित शर्मा, कांग्रेस विधायक
आरजेडी के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह (MLC Sunil Kumar Singh) ने कहा की कैग की रिपोर्ट चौंकाने वाली है. बिना काम शुरू हुए कई करोड़ रुपये ठेकेदारों को बांट दिये गये. यह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि हम लोग शुरू से कह रहे हैं कि सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है. अब सब कुछ सामने आ गया है. सरकार को सदन में भी इसका जवाब देना चाहिए.
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विपक्ष के आरोप का जवाब देते हुए बीजेपी विधायक संजय सरावगी (BJP MLA Sanjay Saraogi ) ने कहा कि कैग की रिपोर्ट लोक लेखा समिति में रखी जाती है. सभी बातों पर चर्चा होती है. विपक्ष के नेता ही इस समिति के प्रमुख होते हैं. निश्चित तौर इस पर भी चर्चा होगी. ये कोई पहली बार नही हुआ है. इस रिपोर्ट पर लोक लेखा समिति अपना निर्णय लेगी.