पटना:बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने गांधी मैदान से 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन उससे पहले तेजस्वी यादव ने 2020 विधानसभा चुनाव में सरकार बनने पर पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरी देने का वादा किया था. बिहार में महागठबंधन की सरकार को 1 साल से अधिक समय हो गया है. 10 लाख नौकरी देने का वादा पूरा करने में अभी भी समय लगेगा.
बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर बयानबाजी जारी: नौकरी और रोजगार को लेकर बिहार में लंबे समय से सियासत हो रही है, जहां जदयू और राजद के लोग कह रहे हैं कि हमने जो वादा किया था वह पूरा कर रहे हैं और 2025 तक 10 लाख नौकरी हम लोग दे देंगे तो वहीं बीजेपी और एनडीए के घटक दल के नेता कह रहे हैं कि शिक्षक बहाली में भी कई तरह की अनियमितता है. दूसरे राज्यों के लोगों की भी बड़ी संख्या में नियुक्ति किया गया है.
"इसमें बिहार के लोगों के लिया नहीं गया. राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लोगों को भरा जा रहा है. हमारे बच्चे बाहर भीख मांगे? वोट हमारा और नौकरी दूसरे का, यह नहीं हो सकता है."- जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम, बिहार
"बिहार की सरकार ने दस लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया है और निर्धारित समय के अंदर दस लाख लोगों को नौकरियां मिल जाएंगी. यह बीजेपी की केंद्र की सरकार नहीं है जो जुमला कहकर निकल जाए. बीजेपी ने हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था. बिहार में काम होता है और काम की बदौलत ही नीतीश कुमार जाने जाते हैं."- हेमराज राम, जदयू प्रवक्ता
"जो शिक्षक बहाली हुआ है, उसमें कितने नियोजित हैं. बताएं कितने दूसरे राज्य के हैं? क्यों दूसरों को भरमाने का काम कर रहे हैं. शिक्षकों की परीक्षा परिणाम में जो ज्यादा अंक लाया वो फेल कर गया और जो कम अंक लाया वो पास कर गया. सरकार नौकरी की बात करती थी और अब उसी में उलझ गई है."- राकेश कुमार सिंह, भाजपा प्रवक्ता
चिराग पासवान ने कही ये बात: वहीं जमुई सांसद चिराग पासवान ने भी शिक्षक नियुक्ति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि 'नीतीश ने बैक डोर से अभ्यर्थियों की एंट्री करवायी है.' साथ ही चिराग पासवान ने कहा कि चुनाव से पहले नीतीश कुमार इसी तरह के हथकंडे अपनाते हैं.
2 नवंबर को सभी चयनित शिक्षकों को सौंपा जाएगा नियुक्ति पत्र: बिहार सरकार की ओर से सबसे बड़ी वैकेंसी 170000 से अधिक की शिक्षक बहाली की निकाली गई. उसमें से 120000 अधिक का चयन कर लिया गया है. 2 नवंबर को सभी चयनित शिक्षकों को गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र सौंपा जाएगा. इसके लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है. पांच हजार नवनियुक्त शिक्षकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र सौंपेगे.
नौकरी और रोजगार को लेकर लगातार चर्चा:इससे पहले 10000 से अधिक पुलिस कर्मियों के लिए भी गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम हुआ था. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार की ओर से कई विभागों में वैकेंसी निकल जाने की तैयारी है. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से नौकरी और रोजगार को लेकर लगातार चर्चा हो रही है.