पटना: बिहार में कोरोना (Corona) का खतरा कम हुआ नहीं कि बाढ़ (Flood in Bihar) ने दस्तक दे दी है. बाढ़ से प्रदेश के 15 जिलों के 82 प्रखंड और 484 पंचायत बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हैं. प्रदेश में फिलहाल 36 बाढ़ राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही है. ऐसे में विपक्ष (Opposition) ने सरकार पर लोगों को उनके हाल पर छोड़ देने का आरोप लगाया है.
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बाढ़ की भयावहता चिंता का विषय बनी है. बाढ़ पीड़ितों की संख्या बढ़कर 7608 हो गई है, जबकि 5 लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कुल 178 सामुदायिक रसोई चलाई जा रहा है. हालांकि अभी भी हर जगह सही से लोगों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है.
मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी (RJD) ने सरकारी प्रयासों को नाकाफी करार दिया है. प्रवक्ता एजाज अहमद (RJD spokesperson Ejaz Ahmed) ने कहा है कि पूरे बिहार में हाहाकार जैसी स्थिति है, सिर्फ कागजों पर ही सरकार की योजनाएं चल रही हैं. उन्होंने कहा कि पटना से सटे इलाकों में भी बाढ़ राहत सामग्री नहीं पहुंच रही है, केवल मीडिया के जरिए ही अधिकारी राहत कार्य चला रहे हैं.
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हालांकि उप मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन विभाग की मंत्री रेणु देवी (Deputy CM Renu Devi) ने कहा है कि आपदा को लेकर विभाग पूरी तरह तत्पर है. उन्होंने दावा किया कि लोगों को राहत पहुंचाने के लिए विभाग के अधिकारी काम कर रहे हैं. पटना शहर पर भी बाढ़ का खतरा है, ऐसे में सरकार की पूरी नजर है और किसी भी संभावित खतरों से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं.
आपको बताएं कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रदेश में एनडीआरएफ (NDRF) की आठ टीमों को राहत कार्य में लगाया गया है, जबकि एसडीआरएफ (SDRF) की 9 टीमों को भी राहत और बचाव कार्य के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है. सरकार की तरफ से 1 724 नावों का परिचालन भी कराया जा रहा है.