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जायसवाल की नियुक्ति पर विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा- BJP में वंशवाद और वैश्यवाद की पराकाष्ठा

कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी में वैश्यवाद हावी हो गया है. केंद्र से लेकर बिहार तक इसे देखा जा सकता है.

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Published : Sep 15, 2019, 3:25 PM IST

बीजेपी पर विपक्ष का हमला

पटना: शनिवार को बीजेपी ने बिहार में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी. अमित शाह ने पश्चिम चंपारण से बीजेपी सांसद संजय जायसवाल को बिहार की कमान सौंपी है. संजय की नियुक्ति के बाद विपक्ष बीजेपी पर हमलावर है. राजद जहां बीजेपी पर कट्टरपंथी और आरआरएस का झंडा बुलंद करने वाले को अध्यक्ष बनाने का आरोप लगा रही है. वहीं कांग्रेस ने वंशवाद और वैश्यवाद को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया.

ईटीवी भारत से बातचीत करते राजेश राठौर

कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को बधाई देते हुए बीजेपी पर हमला बोला. कांग्रेस प्रवक्ता ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी वंशवाद और वैश्यवाद का कार्ड खेल रही है. राठौर के मुताबिक, बीजेपी वंशवाद की लड़ाई लड़ने की बात कहती है. लेकिन जिस व्यक्ति के हाथों में कमान सौंपा गया है उनके पिताजी भी उसी लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं. पिता के मृत्यु के बाद टिकट मिला और जीतकर संसद पहुंच गए.

'चरम पर वैश्यवाद'
राजेश राठौर ने कहा कि बीजेपी में वैश्यवाद चरम सीमा पर है. केंद्र की सियासत में नरेंद्र मोदी, अमित शाह तो बिहार में सुशील मोदी और अब संजय जायसवाल का नाम इस लिस्ट में जुड़ गया है. कांग्रेस नेता के मुताबिक यह बीजेपी में वंशवाद और वैश्यवाद की परकाष्ठा है.

संजय जायवाल की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते आरजेडी विधायक विजय प्रकाश

'कट्टरपंथी और RSS का झंडा ढोने वाले को कमान'
वहीं राजद विधायक विजय प्रकाश ने कहा कि बीजेपी इसके जरिए पिछड़ी जाति, खास कर वैश्य समाज का वोट पाना चाहती है. हालांकि राजद नेता इससे इत्तेफाक नहीं रखते. विजय प्रकाश का मानना है कि जो भी नेता कट्टरपंथी होगा, भाजपा उसे ही कमान सौपेंगी. राजद नेता ने कहा कि संजय जायसवाल को अध्यक्ष बनाने से पिछड़ा समाज बीजेपी के साथ नहीं जाएगा.

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ संजय जायसवाल

'सुशील मोदी का चला सिक्का'
राजद विधायक ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि भाजपा का एकमात्र एजेंडा मातृ संस्थान आरएसएस का झंडा बुलंद करने वाले को देश या प्रदेश का कमान सौंपना है. गौरतलब है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय को इस बार कैबिनेट में स्थान दिया गया है. कयास लगाए जा रहे थे कि किसी अगड़ी जाति के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. हालांकि, संजय जायसवाल की नियुक्ति के बाद तमाम अटकलों पर विराम लग गया है. सूत्रों की माने तो एक बार फिर सुशील मोदी का सिक्का चला है.

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