पटना: गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर आला अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही पिछले दिनों मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का कितना अमल हो पाया उसकी भी समीक्षा की गई है. हालांकि मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि जल्द ही बिहार में क्राइम पर काबू पाया जाएगा. लेकिन प्रदेश में एक के बाद एक बड़ी घटनाएं हो रही है.
बिहार में अपराध बेलगाम
मंगलवार की रात राजधानी पटना के फुलवारी के नोसा गांव में 15 की संख्या में घर में घुसकर अपराधियों द्वारा 22 वर्षीय युवती को अगवा कर लिया गया था. यह कहीं ना कहीं बिहार सरकार, बिहार के पुलिस पर सवाल खड़ा कर रहा है. हालांकि इस घटना के बाद पुलिस ने टीम बनाकर दबिश देना शुरू किया है. इधर जमाल रोड के रहने वाले राइस मिलर भाइयों का पुलिस 16 दिन बीत जाने के बाद भी पता नहीं लगा पाई है और ना ही अपराधियों को गिरफ्तार कर पायी है. 22 दिसंबर को राजधानी पटना के राजीव नगर थाने में महिला सिपाही से दुष्कर्म के मामले में जेल गये सिपाही को निलंबित कर दिया गया है. जेल जाने के बाद सहरसा एसपी द्वारा यह कार्रवाई की गई है.
'बिहार में अपराधी राज कायम हो गया है. सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है. पूरी तरह से बिहार अपराधियों के चंगुल में है. और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है. सिर्फ समीक्षा बैठक की जा रही है. जितनी समीक्षा बैठक हो रही है उतना अपराध में इजाफा हो रहा है. पुलिस प्रशासन का खौफ अपराधियों में नहीं रहा.' मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता