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Published : Mar 14, 2022, 4:48 PM IST

Updated : Mar 14, 2022, 6:34 PM IST

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बिहार विधानसभा में स्पीकर से भिड़े CM नीतीश, विपक्ष ने दी नसीहत- 'सदन की गरिमा की चिंता करे NDA'

बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में उस वक्त अजीब माहौल हो गया, जब विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Angry Nitish Kumar inside the House) आमने-सामने आ गए. दोनों नेताओं के बीच जमकर कहासुनी हुई. विपक्ष ने सरकार को पूरे घटनाक्रम को लेकर नसीहत देते हुए कहा कि एनडीए सदन की गरिमा की चिंता करे.

बिहार विधानसभा
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पटना:लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार (Misbehave with Speaker Vijay Sinha in Lakhisarai) का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. विपक्षी दलों और बीजेपी के विधायक लगातार सदन में हंगामा कर रहे हैं. दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कार्य मंत्रणा की बैठक में सहमति बनी थी. लेकिन, अब तक दोषी पुलिस अधिकारियों को दंडित नहीं किया गया. लिहाजा, विधानसभा अध्यक्ष सदन के अंदर नाराज दिखे. जिसके बाद सीएम नीतीश को हस्तक्षेप करना पड़ा और दोनों नेताओं के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप (CM Nitish lashes out at assembly Speaker) का दौर चला.

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''माननीय मुख्यमंत्री और माननीय अध्यक्ष ने जो कहा दोनों ने तो एक ही बात कही है. जो विधायिका का अधिकार है और जो कार्यपालिका का अधिकार है, दोनों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में काम करना चाहिए. अध्यक्ष महोदय ने अपने क्षेत्र की अगर कोई चर्चा की तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कितनी संवेदनशीलता से कहा कि हम उन सभी मामलों की आज ही समीक्षा करेंगे. जो मामला उठा तो मुख्यमंत्री ने विधायिका और कार्यपालिका के क्षेत्र को परिभाषित किया. अध्यक्ष जी ने अपने क्षेत्र के कुछ मामलों को लेकर बात की. मुख्यमंत्री ने कहा कि सारे मामलों को मैं स्वयं देखूंगा.''-विजय चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री

''संयम और सद्भावना बनाने की जो जिम्मेदारी थी वो भी निभाई नहीं जा रही थी. इन सब पर मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखी, जो तर्कसंगत थी. हम लोग ये देख रहे थे और मुझे लगता है कि जो मैं बार बार कह रहा हूं और पूरा बिहार महसूस कर रहा है. विधायिका की प्रतिष्ठा का सवाल अपनी जगह है. प्रशासनिक तंत्र उस पर चढ़ा रहता है या उसकी बात नहीं मानता है. लेकिन, सदन के अंदर जो सरकार है, सरकार के अंदर जो सद्भावना और प्रेम की जुबान होती है सरकार की वो नजर नहीं आती है. इसका असर गवर्नेंस पर पड़ता है. ये बीजेपी और जेडीयू दोनों को समझना चाहिए कि उनको गवर्नेंस एक साथ अलायंस में चलानी है, तो ये सदन के अंदर दिखना चाहिए.''-शकील अहमद, कांग्रेस नेता

''अगर किसी आईजी या एसपी के साथ ऐसी बदतमीजी की होती तो शायद उसको उसी समय सस्पेंड कर दिया जाता, बाद में इसकी जांच होती. लेकिन हाउस की गरिमा और आसन पर बैठे माननीय स्पीकर के साथ ऐसा हो रहा है, उस पर कार्रवाई नहीं हो रही है. लोग कहते हैं कि मामला सिर्फ पुलिस का नहीं है. बल्कि पुलिस का रिश्ता किससे है ये जानने की जरूरत है.''- अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम

क्या था पूरा मामला? : बता दें कि असल में सरस्वती पूजा के दौरान लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Bihar Assembly Speaker Vijay Kumar Sinha) के साथ डीएसपी और थाना प्रभारी ने दुर्व्यवहार किया था. उस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बैठक भी की थी. डीजीपी ने 15 दिन का समय मांगा था. पहले भी विधानसभा में इस मामले को लेकर खूब हंगामा हो चुका है. कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने डीएसपी और थाना प्रभारी को अपने प्रभार वाले क्षेत्र से हटाने का निर्देश भी दिया लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ. इसी को लेकर सदस्यों में काफी नाराजगी है. सदस्य चाहते हैं सरकार ऐसे अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई करें.

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Last Updated : Mar 14, 2022, 6:34 PM IST

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