पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने जब से शराबबंदी को सफल बनाने और नशामुक्ति अभियान को गति देने के लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपने का निर्देश जारी किया है, इसका जमकर विरोध हो रहा है. एक तरफ शिक्षक संगठन कह रहे हैं कि ये तुगलकी फरमान सरकार वापस ले नहीं तो आंदोलन करने को वो बाध्य होंगे. वहीं, दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसे लेकर दो टूक कह दिया है कि आदेश वापस नहीं होगा क्योंकि जिम्मेदारी सब की है. उन्होंने बताया कि पहले बिहार के नागरिकों को यह अपील की गई थी अब बिहार सरकार अगर अपने कर्मचारियों के जरिए यह अपील कर रही है तो इसमें गलत क्या है?
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इधर, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ समेत कई शिक्षक संघ इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि सरकार का यह तुगलकी फरमान है. यह फरमान शिक्षा का अधिकार कानून का उल्लंघन करता है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जा सकता. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फरमान से लोगों में गलत संदेश जाएगा कि हम सरकार की मुखबिरी करते हैं. इसके गलत मायने निकाले जाएंगे और नतीजे गलत सामने आ सकते हैं.
शिक्षक संगठनों ने कहा कि इन सब बातों का ख्याल रखते हुए सरकार को यह फरमान वापस लेना चाहिए. आदेश वापस नहीं लेने की स्थिति में शिक्षक संघ ने चेतावनी देते हुए सरकार से कहा है कि वो आंदोलन करने के लिए मजबूर होगें. दूसरे शिक्षक संघ से जुड़े प्रदीप कुमार पप्पू और अश्विनी पांडे ने भी कुछ ऐसी ही बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार का आदेश बिल्कुल गलत है और अगर शिक्षा विभाग अपना यह फरमान वापस नहीं लेता है तो हम आंदोलन करेंगे.