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Patna Bengali Akhara : घर बैठे कीजिये मां दुर्गा के दर्शन, आज से खुला पट.. पटना के बंगाली अखाड़े में अनोखी परंपरा - Bihar News

Navratri 2023 पटना बंगाली अखाड़ा में मां दुर्गा का पट खुल गया है. बंगाली विधि विधान से माता की पूजा शुरू हो गई है. पटना बंगाली अखाड़ा की विशेषता है कि यहां षष्टी से पूजा आरंभ की जाती है. कलश स्थापना कर 9वीं तक पूजा की जाती है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना बंगाली अखाड़ा में मां दुर्गा का पट खुला
पटना बंगाली अखाड़ा में मां दुर्गा का पट खुला

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 20, 2023, 5:37 PM IST

Updated : Oct 20, 2023, 6:02 PM IST

पटना बंगाली अखाड़ा में मां दुर्गा का पट खुला

पटनाःशारदीयनवरात्रि को लेकर राजधानी पटना दुल्हन की तरह सज धज कर तैयार है. नवरात्रि के छठे दिन शुक्रवार कोबंगाली अखाड़ा में माता का पट खोला गया. बंगाली रीति रिवाज के तहत बंगाली अखाड़ा दुर्गा मंदिर में पूजा प्रारंभ हो गया है. पट खुलने के बाद भक्तों भीड़ उमड़ने लगी. इस दौरान जय माता दी के जयकारे से पूजा पंडाल गुंजने लगा.

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पटना बंगाली अखाड़ा में मां दुर्गा का खुला पट :पटना का बंगाली अखाड़ा मंदिर के वाइस प्रेसिडेंट अमित सिंह ने बताया कि बंगाली अखाड़ा में माता रानी की पूजा 9 दिन नहीं बल्कि आज से कलश स्थापना कर होती है. षष्टी से पूजा शुरू की जाती है. इस दौरान सप्तमी, अष्टमी को माता रानी को खिचड़ी से भोग लगाया जाता है. यहां का रिवाज है कि मिट्टी के बर्तन में लोगों को प्रसाद दिया जाता है. इसलिए 4500 मिट्टी का बर्तन बंगाल से मंगाया गया है जिसमें खिचड़ी भरकर लोगों को दिया जाएगा.

130 सालों से हो रही है पूजाः अमित सिंह ने बताया कि नवमी के दिन हलवा का भोग लगाया जाएगा. दशमी को महिलाओं के द्वारा सिंदूर होली खेली जाएगी. उन्होंने कहा की बंगाली रीति रिवाज से बंगाली अखाड़ा में 130 सालों से प्रतिवर्ष पूजा की जा रही है. बंगाली अखाड़ा में कुंवारी पूजन का खास महत्व है. इसके लिए छह महीने पहले ही कन्या को चुन लिया जाता है.

महाअष्टमी की शाम विशेष पूजाः अष्टमी के दिन पूरे विधि-विधान से मां भगवती की तरह कन्या की पूजा की जाती है. इस दौरान बंगाली समाज के साथ स्थानीय लोगों की जबरदस्त भीड़ होती है. इसके बाद बंगाली अखाड़ा में 108 कमल से संधि पूजा भी होगी. महाअष्टमी की शाम होने वाली इस विशेष पूजा की तैयारियां चल रही है.

"यहां षष्टी से कलश स्थापना कर पूजा आरंभ की जाती है. सप्तमी, अष्टमी को माता रानी को खिचड़ी से भोग लगाया जाता है. श्रद्धालुओं के बीच खिचड़ी का प्रसाद वितरण करने के लिए 4500 मिट्टी का बर्तन बंगाल से मंगाया गया है. 130 सालों से प्रतिवर्ष पूजा की जा रही है."-अमित कुमार सिंह, वाइस प्रेसिडेंट, पूजा समिति

Last Updated : Oct 20, 2023, 6:02 PM IST

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