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बाबा रामदेव के बयान से नाराज डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन, अस्पतालों में OPD बंद, भटकते रहे मरीज

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Published : Jun 18, 2021, 9:43 AM IST

Updated : Jun 18, 2021, 2:32 PM IST

बाबा रामदेव पर कार्रवाई और डॉक्टरों की सुरक्षा सहित अन्य मांगों को लेकर आईएमए की ओर से आज चार घंटे के लिए कार्य बहिष्कार किया गया. साढ़े आठ बजे से दोपहर साढ़े बारह बजे तक सरकारी व निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं ठप रहीं. देखें रिपोर्ट

आईएमए प्रोटेस्ट
आईएमए प्रोटेस्ट

पटनाःडॉक्टरों और एलोपैथ (Allopathy) पर बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के विवादित बयानों ( Controversial Statements ) के खिलाफ आईएमए आज प्रदेश भर के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में सुबह 8.30 बजे से 12.30 बजे तक ओपीडी ( OPD ) का बहिष्कार किया गया. सुबह से ही इमरजेंसी सेवा छोड़ सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी (OPD) को बंद करवा दिया. इस दौरान मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

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क्या है मांग?
आईएमए, बिहार ने चिकित्सकों/चिकित्सीय संस्थानों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर रोक लगाने हेतु केंद्रीय सुरक्षा कानून, हिंसा करने वाले को दस वर्ष की सजा एवं कानून को आई.पी.सी. एवं सी.आर.पी.सी. में अंतर्निहित करने की मांग की. चिकित्सीय परिसर को सुरक्षित स्थान घोषित करने एवं उनकी सुरक्षा के लिए विशिष्ट सुरक्षा बल के गठन की भी मांग की.

रामदेव पर कार्रवाई की मांग
आईएमए ने गुरुवार को विज्ञप्ति जारी कर बाबा रामदेव के चिकित्सा विज्ञान, चिकित्सा पद्धति, चिकित्सक विरोधी बयानों, कोविड शहीदों का अपमान एवं सरकार द्वारा नियत कोविड चिकित्सा एवं कोविड टीके के विरुद्ध बोलने के लिए देश के विभिन्न कानूनों के अंतर्गत कार्रवाई एवं सजा दिलाने की भी मांग की.

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रामदेव के बयान से टीकाकरण प्रभावित
उनके बयान के कारण देशभर में टीकाकरण (Vaccination) कार्य बहुत प्रभावित हुआ है. बाबा रामदेव का बयान कानूनी रूप से भी गलत और दंडनीय अपराध है. योगगुरू रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आईएमए (IMA) आगामी 18 जून को देशभर में सभी निजी और सरकारी ओपीडी (OPD) कार्य का बहिष्कार करेगा.

रामदेव के बयान ने भ्रम पैदा किया- डॉ अजय कुमार
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) बिहार ने पटना (Patna) के गांधी मैदान स्थित आईएमए भवन में बीते दिनों मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि कोविड वैक्सीन पर पूरी दुनिया ने काफी खर्च किया है. लेकिन रामदेव के बयान के बाद वैज्ञानिक भी शक के दायरे में आने लगे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण कार्य प्रभावित हुआ है. साथ ही लोगों को जागरुक करने जा रहे कर्मियों के साथ मारपीट भी की जा रही है.

"बाबा रामदेव ने एक अपनी नकली दवा कोरोनील को बेचने के लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति से जुड़े डॉक्टरों के बारे में भ्रामक प्रचार किया है. आईएमए की मांग है कि बाबा रामदेव पर सरकार कड़ी कार्रवाई करें. ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार का बाबा आकर चिकित्सा विज्ञान पद्धति के बारे में लोगों में भ्रम पैदा ना कर सकें."- डॉ अजय कुमार, बिहार आईएमए अध्यक्ष

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वैक्सीनेशन अभियान को गहरा धक्का
वहीं, आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह ने कहा, 'बाबा रामदेव ने जो यह बयान दिया है कि जो चिकित्सक अपनी जान नहीं बचा पाए वे दूसरों की जान क्या बचा पाएंगे. वैक्सीन के बारे में यह कहा कि दोनों डोज लेने के बावजूद कई लोग मर गए हैं. एलोपैथ स्टूपिड साइंस है. बाबा रामदेव के इन वक्तव्यों से देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान को गहरा धक्का लगा है'.

वैक्सीनेशन के प्रति लोगों में भ्रम
उन्होंने आरोप लगाया कि इन बयानों के चलते ही वैक्सीनेशन के प्रति लोगों में भ्रम पैदा हुआ है. कोरोना के इलाज में भी बाबा रामदेव के बयान से काफी प्रभाव पड़ा है. लोग समय पर चिकित्सकों के पास दिखाने नहीं पहुंच रहे हैं. जब स्थिति बिगड़ने लगती है तब पहुंच रहे हैं. जिस वजह से मोर्टिलिटी रेट बढ़ी है.

रामदेव के बयान से देश को नुकसान
बाबा रामदेव के बयान से देश को काफी नुकसान हुआ है. देश विकास की दिशा में 20 साल पीछे चला गया है. रामदेव पर कार्रवाई की मांग को लेकर देशभर में आईएमए द्वारा एफआईआर दर्ज कराया गया है.

Last Updated : Jun 18, 2021, 2:32 PM IST

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