पटनाःपटना जंक्शन पर टीटी की काफी कमी है. आलम यह है कि एक शिफ्ट में 3 से 6 की संख्या में ही टीटी कार्यरत है और इस वजह से सभी यात्रियों का टिकट चेक कर पाना संभव नहीं हो पा रहा और कई बार तो बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री आसानी से बच कर निकल जा रहे हैं. बताते चलें कि पटना जंक्शन के उत्तरी और दक्षिणी छोर को मिलाकर कुल 6 निकास गेट हैं. इनमें उत्तरी छोर पर चार निकास गेट हैं तो दक्षिणी छोर पर दो निकास गेट हैं.
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एक शिफ्ट में रहते हैं सात-आठ टीटी ही मौजूद: सामान्य तौर पर यहां तीनों शिफ्ट में मिलाकर प्लेटफॉर्म और निकास गेट (ट्रेन के अंदर छोड़कर) के लिए कुल 69 टीटी की आवश्यकता है. लेकिन वर्तमान में 40 फीसदी से भी कम टीटी कार्यरत हैं. पटना जंक्शन पर वर्तमान में 26 टीटी कार्यरत हैं जिनमें 3 महिलाएं हैं. इन्हीं 26 टीटी में तीन शिफ्ट की ड्यूटी लगती है, ऐसे में एक शिफ्ट में सात से आठ टीटी ही मौजूद रहते हैं, जिसमें एक टीटी इंचार्ज के रूप में चेंबर में ही रहते हैं. एक शिफ्ट में 7-8 टीटी और पटना जंक्शन पर निकास के लिए 8 गेट. अगर 1-1 टीटी सभी गेट पर खड़ा हो जाते हैं तो टीटीयों को यात्रियों की टिकट की तलाशी लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. कई बार बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्री धक्का मुक्की करके भाग जाते हैं, एक को पकड़ो तो दूसरा भाग जाता है.
जल्द दूर होगी टीटी की कमीः ऐसे में टीटी प्रायः दो लोगों के ग्रुप में टिकटों की चेकिंग करते हैं. जब ट्रेन आती है और टिकट की चेकिंग शुरू होती है तो पटना जंक्शन के 8 गेट में 3-4 गेट पर कोई टीटी मौजूद नहीं रहता है और बेटिकट यात्रा करने वाले यात्री रेलवे को चूना लगाकर आसानी से निकल जाते हैं. हालांकि रेलवे प्रबंधन का कहना है कि टीटी की कमी जल्द दूर होगी, क्योंकि नए टीटी का नया बैच तैयार है और सिर्फ प्रधानमंत्री से नियुक्ति पत्र मिलने की देरी है. नियुक्ति पत्र मिलने के साथ ही स्टेशनों पर उनकी तैनाती हो जाएगी और जो टीटी की कमी जो है वह दूर हो जाएगी. पटना जंक्शन पर जो टिटी की ड्यूटी रहती है उनको काफी भाग दौड़ करना पड़ता है कभी कभी समय से घर भी नहीं जा पाते हैं. ऐसे में टिटी अपनी ड्यूटी किसी तरीके से मैनेज करतें है.