पटना: दाखिल खारिज करने के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था शुरु की गई है. इसके बावजूद भी लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं. कर्मचारियों की गलती के कारण लोगों को प्रखंड कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
कारगर साबित नहीं हो रही दाखिल खारिज की ऑनलाइन सिस्टम, DM ने कैंप लगाने का दिया आदेश
दाखिल खारिज में ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था लागू होने के बावजूद लोग परेशान हैं. कई तरह की गलतियां सामने आ रही हैं. इससे निजात दिलाने के लिए जिलाधिकारी कुमार रवि ने कैंप लगाकर लंबित मामलों के निष्पादन का आदेश दिया है.
दरअसल, रजिस्टर-टू में खाता संख्या नहीं चढ़ाने के अलावा कई तरह की गलतियां सामने आयी हैं. इसके बाद व्यवस्था सवालों के घेरे में है. हालांकि इससे निजात दिलाने के लिए पटना जिलाधिकारी कुमार रवि ने कैंप लगाने का निर्देश दिया है. लंबित मामलों के निष्पादन के लिए अंचल अधिकारियों को आदेश दिया है.
31 अगस्त तक का दिया गया समय
जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि कैंप लगाकर पचास प्रतिशत मामले का निपटारा करने का लक्ष्य है. रैयतों ने आवेदन में खेसरा का रकबा अलग-अलग नहीं दिया है. जमाबंदी में गलतियों के कारण भी कुछ तकनीकी कठिनाईयां आ रही हैं. 31 अगस्त तक ठीक करने का निर्देश विभाग को दिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आंकड़े के मुताबिक सूबे में हर महीने औसतन एक लाख म्यूटेशन का आवेदन आता है. राज्य का कुल रकबा 93.60 लाख हेक्टेयर है. जबकि 1.15 करोड़ होल्डिंग की लगान रसीद काटी जाती है.