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पटनाः बाढ़ से सुरक्षा के लिए जनप्रतिनिधियों से मिले फीडबैक को अमल में लाने की तैयारी में अधिकारी - जनप्रतिनिधियों से मिले फीडबैक

बिहार में बाढ़ और सुखाड़ को लोकर विभागों की ओर से काम में तेजी लाई जा रही है. वही शुक्रवार को चार विभागों के संयुक्त वर्चुअल संवाद के आखिरी दिन सांसदों, विधायकों एवं विधान पार्षदों ने कई सुझाव दिए हैं जिनपर अमल करने कको लेकर काम अधिकारी कर रहै हैं..

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जनप्रतिनिधियों से संवाद

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Published : May 22, 2021, 4:02 AM IST

पटनाःबिहार में बाढ़और सुखाड़ से सुरक्षा के लिए कार्यान्वित की जा रही योजनाओं पर सांसदों, विधायकों एवं विधान पार्षदों से दर्जनों महत्वपूर्ण सुझावसामने आए हैं, इनमें से कई सुझावों अमल होना भी संभव है. संबंधित विभागों इन सुझावों पर प्राथमिकता के आधार काम कर रहे हैं. जिन सुझावों पर दीर्घकालिक योजना तैयार करने की आवश्यकता होगी, वैसे सुझावों पर बाद में विचार किया जाएगा. इस बारे में जानकारी राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने चार विभागों के संयुक्त वर्चुअल संवाद के आखिरी दिन यानि शुक्रवार को दी.

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प्राथमिकता के आधार पर होगा काम : संजय झा
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में बाढ़ एवं सुखाड़ से सुरक्षा के लिए कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की प्रगति को लेकर 7 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की थी.

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र के बारे में फीडबैक लेकर उचित कदम उठाएं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर जल संसाधन विभाग द्वारा चार विभागों का संयुक्त वर्चुअल संवाद प्रमंडलवार आयोजित कराया गया था.

इस प्रमंडलवार संवाद के आखिरी दिन शुक्रवार को दो सत्रों में पटना और मगध प्रमंडल के सांसदों, विधायकों एवं विधान पार्षदों से उनका फीडबैक लिया गया. इससे पहले अलग-अलग दिन विभिन्न सत्रों में सारण, दरभंगा, कोशी, भागलपुर, मुंगेर, पूर्णिया प्रमंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद हुआ.

इनमें जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज और लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन ने अपने-अपने विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की जानकारी दी.

जनप्रतिनिधियों से मिले कई सुझावों पर संबंधित विभाग के मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान ही विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये. कई सुझावों पर संबंधित विभाग के सचिव ने भी अपने क्षेत्रीय अधिकारियों से बात कर तुरंत उत्तर दिया.

बाढ़ सुरक्षात्मक योजनाओं को 31 मई तक पूरा कराने का लक्ष्य
जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने जिलावार प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि विभाग ने इस वर्ष कुल 298 योजनाओं पर काम शुरू किया है. जिनमें से 150 से अधिक योजनाएं पूरी हो चुकी हैं.

शेष योजनाओं को 31 मई तक पूरा करा लेने के लक्ष्य के साथ विभाग द्वारा तेजी से काम जारी है. हालांकि कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण जरूरी सामान को समय पर कार्यस्थल तक पहुंचाने और गाइडलाइंस का पालन कर काम को पूरा कराने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

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क्षतिग्रस्त सड़कों, पुल-पुलियों का काम 15 जून तक पूरा होगा
पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य और लघु जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारियों ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों, पुल-पुलिया, डायवर्जन, आहर-पाईन आदि के पुनर्स्थापन से संबंधित योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी. इन लोगों ने बताया कि ज्यादातर योजनाएं पूरी हो गई हैं. जो योजनाएं अभी पूरी नहीं हो सकी हैं, उन्हें 15 जून से पहले पूरा कर लेने का लक्ष्य है.

गंगा जल उद्वह योजना को जनप्रतिनिधियों ने सराहा
प्रमंडलवार बैठक के आखिरी सत्र में मगध प्रमंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई. इसमें कई सांसदों एवं विधायकों ने अपने फीडबैक में गंगा जल उद्वह योजना के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताया.

उन्होंने कहा कि मगध प्रमंडल के बड़े इलाके को सुखाड़ का सामना करना पड़ता है. इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री के निर्देश पर गंगा नदी के पानी को गया, बोधगया और राजगीर शहर में पहुंचाने के लिए कार्यान्वित की जा रही अति महत्वाकांक्षी "गंगा जल उद्वह योजना" से न केवल इन महत्वपूर्ण शहरों का पेयजल संकट दूर होगा, बल्कि मगध प्रमंडल के बड़े इलाके में भूजल स्तर में भी सुधार होगा.

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