पटना: पीएमसीएच (PMCH) अस्पताल प्रबंधन ने अस्पताल के पुनर्विकास परियोजना के कार्य के लिए नर्सों के ए ग्रेड हॉस्टल (A Grade Hostel) और बी ग्रेड हॉस्टल (B Grade Hostel) को खाली कराने का फरमान जारी कर दिया है. नर्सों को क्वार्टर खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. ऐसे में जो नर्सेज हैं, वो काफी परेशान हैं.
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स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां रद्द
कोरोना के कारण एक तरफ स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियां रद्द है. वहीं दूसरी ओर इसी बीच पीएमसीएच के नर्सों (Nurses Of PMCH) को 15 दिनों के अंदर क्वार्टर खाली कर दूसरी जगह शिफ्ट करने का फरमान जारी कर दिया गया है. ऐसे में नर्सों को काफी परेशानी हो रही है. दिन भर ड्यूटी करने के बाद जो समय मिल रहा है, वह क्वार्टर खोजने में निकल जा रहा है. वहीं पीएमसीएच में काम करने की वजह से कोई मकान मालिक उन्हें रूम देने को तैयार नहीं हो रहा है.
पीएमसीएच का किया जाएगा पुनर्निर्माण "लगभग 20 नर्स का परिवार है. जो ग्रेड ए और ग्रेड बी हॉस्टल में रह रहा है. बाकी सभी नर्सेज पूर्व में ही खाली कर चुकी हैं. अचानक से इतने शॉर्ट नोटिस में क्वार्टर खाली करने का जो फरमान अस्पताल प्रबंधन की तरफ से जारी हुआ है, इससे हम परेशान हैं. दिन भर ड्यूटी के बाद रात में जब फ्लैट खोजने निकल रहे हैं तो, कोई फ्लैट इसलिए नहीं दे रहा क्योंकि हम पीएमसीएच में काम करते हैं. लोगो के मन में भ्रम है कि नर्सेज कोरोना ड्यूटी करती हैं और इससे उनके यहां कोरोना फैल सकता है"-अर्चना भारती, सीनियर नर्स, पीएमसीएच ये भी पढ़ें:PMCH में मोबाइल वैन में रक्तदान शिविर का आयोजन, बढ़-चढ़कर लोगों ने लिया भाग
फ्लैट खोजने में काफी परेशानी
अर्चना भारती ने बताया कि कुछ नर्सेज ऐसी भी हैं, जो दूसरे राज्यों की हैं और सभी छुट्टियांकैंसिल हैं. इस वजह से फ्लैट खोजने में काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि उनकी अस्पताल प्रबंधन से मांग है कि अस्पताल प्रबंधन अपनी तरफ से कहीं उन लोगों के रहने की व्यवस्था कराए.
जानकारी देतीं सीनियर नर्स "अचानक से फरमान आ गया है कि 15 दिन के अंदर क्वार्टर खाली कर दें और इससे परेशानी बढ़ गई है. इस बात से खुश हैं कि पीएमसीएच का पुनर्निर्माण हो रहा है और 100 साल पुराने ढांचे को हटाकर नया बेहतरीन भवन बनाया जाना है. लेकिन इस बीच हमें जो परेशानी हो रही है, उस पर भी अस्पताल प्रबंधन को सोचना चाहिए. क्वार्टर खाली करने के लिए जो समय दिया गया है, वह काफी कम है. बीती रात भी क्वार्टर खोजने निकले थे. लेकिन कहीं मिला नहीं और अब फिर फ्लैट खोजने निकल रहे हैं"-इला रानी, सीनियर नर्स, पीएमसीएच ये भी पढ़ें:PMCH में नहीं हो रही ब्लैक फंगस की सर्जरी, डॉक्टर दे रहे 'बाहर से ऑपरेशन कराने की सलाह'
कई सारे क्वार्टर हैं खाली
सीनियर नर्स ने कहा कि काफी कम नर्सेज बची हैं जो, अभी क्वार्टर में रह रही हैं और पीएमसीएच कैंपस में भी कई सारे क्वार्टर अभी खाली हैं. उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि अस्पताल प्रबंधन खाली क्वार्टर में ही फिलहाल उन्हें रहने की व्यवस्था करा दे. क्योंकि अभी छुट्टियां कैंसिल हैं. ऐसे में उन्हें समय पर्याप्त नहीं मिल पा रहा है कि वह बाहर जाकर कहीं से ढूंढ़े.
"एक तरफ जहां हमें कोरोना वॉरियर्स कहा जा रहा है और हमने कोरोना में पूरी तत्परता से ड्यूटी की है. लेकिन अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया है कि 15 दिन के अंदर क्वार्टर खाली करना है. क्वार्टर खाली कराने के लिए तरह-तरह के तरकीब अपनाए जा रहे हैं. अब पानी का सप्लाई भी बंद कर दिया जा रहा है. काफी समय तक लाइन काट दिए जा रहे हैं. पीएमसीएच में भी अभी कई सारे क्वार्टर खाली पड़े हैं"- विथीका विश्वास, सीनियर नर्स, पीएमसीएच
प्रतिमाह 70 रुपये मेंटेनेंस चार्ज
विथीका विश्वास ने कहा किउनकी अस्पताल प्रबंधन से मांग है कि फिलहाल के लिए उन्हें इन्हीं क्वार्टरों में शिफ्ट कर दिया जाए. क्वार्टर खाली कराने का तुगलकी फरमान जारी हो गया है. लेकिन बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन प्रति माह क्वार्टर चार्ज 9600 उनके वेतन से काट रहा है. पिछले 10 वर्ष से क्वार्टर का मेंटेनेंस नहीं हुआ है और प्रतिमाह 70 रुपये मेंटेनेंस चार्ज कट रहा है. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन जवाब दे कि आखिर यह पैसा कहां गया.
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वीथिका विश्वास ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन अगर उन्हें क्वार्टर नहीं मुहैया करा सकता है या अपने प्रयासों से उन लोगों के लिए बाहर कहीं रहने की जगह नहीं ढूंढ सकता तो, पीएमसीएच परिसर में ही कहीं तंबू गाड़ कर उन लोगों के लिए रहने की जगह उपलब्ध करा दें.