पटना: हर साल गाड़ियों की संख्या में इजाफा हो रहा है लेकिन उस हिसाब से ट्रैफिक पुलिस के संसाधन और उनकेपदों का सृजननहीं हो रहा है. जिस वजह से खासकर राजधानी पटना की ट्रैफिक की समस्या बढ़ती जा रही है.
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पटना की ट्रैफिक बड़ी समस्या
राजधानी पटना के ट्रैफिक संचालन के लिए महज 1000 पुलिसकर्मी हैं. जिनकी बदौलत ट्रैफिक का संचालन होता है. पटना ट्रैफिक पुलिस के पास जवान और अधिकारी को मिलाकर इन दिनों लगभग 1000 पुलिसकर्मी है. इनके पदों का सृजन 2005 के पटना शहर के वाहन लोड और आबादी को देखते हुए किया गया था.
ट्रैफिक पुलिस के पद का नहीं हो रहा सृजन ट्रैफिक पुलिस के पद का नहीं हो रहा सृजन
राजधानी के कुछ चौक चौराहों को छोड़ दिया जाए तो पुलिसकर्मियों के बैठने या उनके लिए बुनियादी सुविधा, शौचालय तक मुहैया नहीं है. पुरुष पुलिसकर्मी शौचालय की समस्या से परेशान हैं तो उनके साथ साथ सड़कों पर तैनात महिला पुलिसकर्मियों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
महिला पुलिसकर्मियों के लिए शौचालय नहीं
पटना में यातायात रेगुलेशन के लिए केवल 10 दस्ते मौजूद हैं तो वहीं वाहनों की कमी के कारण एक दो दस्ते काम नहीं कर पाते हैं. जबकि राजधानी पटना में वाहनों की क्षमता के अनुसार 20 रेगुलेशन दस्ते की जरूरत है.
महिला पुलिसकर्मियों के लिए शौचालय नहीं संसाधनों की कमी
परिवहन विभाग ने हर जिले में एक ट्रैफिक पार्क बनाने का निर्णय लिया है. इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसके बाद राज्य सरकार से स्वीकृति ली जाएगी. फिलहाल पटना गया और मुजफ्फरपुर में अस्थाई ट्रैफिक बनाया जा रहा है जहां पर आम लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा.
ट्रैफिक की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रही है वाहन ज्यादा पुलिस कम
जब 2005 में पटना शहर के वाहन लोड और आबादी को देखते हुए 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. उन दिनों लगभग चार लाख वाहन प्रतिदिन सड़क पर दौड़ते थे. पिछले 16 वर्षों में वाहनों की संख्या लगभग 3 गुना बढ़ गयी है. लेकिन सृजित पदों की संख्या में इजाफा नहीं हो पाया है.
एक नजर में जानिये ट्रैफिक पुलिस और व्यवस्था का हाल
- पटना डीटीओ में मार्च 2019 तक कुल 17 लाख वाहन पंजीकृत थे.
- उनमें 1200000 वाहन चलने की स्थिति में है जबकि 500000 वाहन पुराने और जर्जर होने के कारण सड़को से दूर हैं.
- पटना में 13 लाख वाहन ऐसे हैं जो चलने लायक हैं.
- उनमें से करीबन 10 लाख वाहन हर दिन पटना के सड़कों पर दौड़ रहे हैं.
- अन्य जिलों से भी लगभग 1 से 2 लाख वाहन प्रतिदिन पटना में आते हैं.
- ट्रैफिक की समस्या से निजात के लिए राज्य में पहली बार आईजी ट्रैफिक पद का सृजन किया गया है.
- एमआर नायक के पहली बार आईजी ट्रैफिक बने हैं.