पटना/नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया, जिसमें अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया. गृहमंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के मुताबिक जम्मू कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा.
कश्मीर अब केंद्र शासित राज्य
जम्मू-कश्मीर में अभी तक विधानसभा की 87 सीटें थीं. लेकिन अब राज्य का बंटवारा किया गया है. जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश होगा.
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर की होगी विधानसभा
अब कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा. यहां विधानसभा का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल होगा, जैसा कि देश के बाकी राज्यों में है.