पटना: प्रदेश में कोरोना (Corona) के बाद अनलॉक (Unlock) की स्थिति होते ही परिवहन (Transportation) की व्यवस्था थोड़ी दुरुस्त हुई है और जिससे पटना के राजकीय आयुर्वेद-कॉलेजअस्पताल (Rajkiya Ayurvedic College And Hospital) में प्रदेश के दूरदराज से इलाज के लिए मरीज पहुंचने शुरू हो गए हैं.
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आयुर्वेदिक इलाज में लोगों की दिलचस्पी
अस्पतालों में सभी ओपीडी (OPD) में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. मॉडर्न मेडिसिन के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही अब आयुर्वेदिक अस्पतालों में भी पिछले महीने की तुलना में नए मरीजों की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है. पटना के कदमकुंआ स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में कोरोना के दौरान लॉकडाउन की स्थिति में जहां प्रतिदिन बमुश्किल 100 के करीब मरीज पहुंचते थे वहीं अब मरीजों की संख्या 300 से 400 पहुंच गई है.
शुक्रवार को अस्पताल के ओपीडी में 388 मरीज पहुंचे थे. अस्पताल के अधीक्षक डॉ विजय शंकर दुबे ने बताया कि निश्चित रूप से कोरोना का प्रभाव जैसे-जैसे कम हो रहा है और प्रदेश अनलॉक की स्थिति में आगे बढ़ रहा है. ऐसे में परिवहन की व्यवस्था सुगम हुई है और अब दूर-दराज इलाके के लोग भी अस्पताल में दिखाने पहुंच रहे हैं.
'अस्पताल में इंडोर हो या आउटडोर हो सभी जगह मरीजों की संख्या बढ़ी है. अस्पताल के इनडोर में अभी के समय 48 मरीज एडमिट हैं जिनका इलाज चल रहा है.' : डॉ विजय शंकर दुबे, अधीक्षक, राजकीय आयुर्वेद-कॉलेज अस्पताल, पटना
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दूर-दराज से लोग आ रहे हैं इलाज कराने
डॉ विजय शंकर दुबे ने बताया कि अस्पताल में सर्वाधिक मरीज जोड़ों की दर्द की शिकायत वाले पहुंच रहे हैं. इसके अलावा पेट की समस्या जैसे जिन्हें गैस या अन्य कोई पेट की समस्या है वह मरीज पहुंच रहे हैं. अस्पताल के ईएनटी में भी मरीज काफी पहुंच रहे हैं और बरसात के मौसम में स्किन डिजीज के मरीजों की संख्या भी हाल के दिनों में बढ़ी है.
'अस्पताल में अल्ट्रासाउंड से लेकर तमाम जरूरी जांच की सुविधाएं उपलब्ध होने से गर्भवती महिलाएं भी अस्पताल में काफी पहुंच रही हैं और गर्भावस्था की महिलाएं पहले की तुलना में अब आयुर्वेदिक इलाज में काफी दिलचस्पी ले रही हैं.' : डॉ विजय शंकर दुबे, अधीक्षक, राजकीय आयुर्वेद-कॉलेज अस्पताल, पटना
आयुर्वेद अस्पताल में इलाज कराने के लिए दूर-दराज से आ रहे हैं लोग अस्पताल में चुकी अब प्रसव की सुविधा भी उपलब्ध है इसके साथ ही प्रसव के बाद जो सुविधाएं मॉडर्न मेडिसिन के अस्पतालों में मरीजों को मिलती है वह सभी सुविधा और सहायता राशि इस अस्पताल में भी उपलब्ध है. ऐसे में गरीब तबके की महिलाएं ज्यादातर आयुर्वेदिक पद्धति की तरफ आकर्षित हो रही हैं.