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बिहार में 24 घंटे में आ जाएगी कोरोना रिपोर्ट, अबतक 4,42,126 सैंपल की जांच - वन एवं पर्यावरण विभाग बिहार

स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2403 नए मामले सामने आए हैं. जबकि 1888 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

पटना
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Published : Jul 26, 2020, 12:08 PM IST

पटनाःवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सचिव सूचना एवं जन संपर्क अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, प्रधान सचिव ग्रामीण विकास अरविंद चौधरी, सचिव जल संसाधन सजीव हंस एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी.

प्रशासन करेगा प्राइवेट हॉस्पिटल्स का अनुश्रवण
सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को लेकर लगातार सरकार के स्तर पर गहन समीक्षा की जा रही है और प्रतिदिन फीडबैक के आधार पर सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं. आज भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमे कई अहम निर्णय लिए गए. कोविङ-19 के इलाज के लिए चिन्हित प्राइवेट हॉस्पिटल्स के बेड मैनेजमेंट का अनुश्रवण जिला प्रशासन की ओर से किया जाएगा ताकि जरूरतमंद मरीज आसानी से एडमिट हो सकें.

इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी जो संबंधित हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को सहयोग करेंगे. उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को प्राइवेट हॉस्पिटल्स के रेट फिक्सेशन हेतु अधिकृत किया गया है ताकि लोगों को दिक्कत नहीं हो. प्राइवेट हॉस्पिटल्स में किस तरह के बेड का क्या रेट होगा, यह जिलाधिकारी तय करेंगे. मुख्यालय स्तर पर राज्य स्वास्थ्य समिति को पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस की अतिरिक्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है और जिला स्तर पर इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को भी कहा जा रहा है. कोविड-19 के टेस्ट रिपोर्ट पर अब डॉक्टर का स्पष्ट रेकोमेंडेशन भी रहेगा कि उन्हें होम आइसोलेशन में रहना है या इलाज के लिए किसी हॉस्पिटल में जाना है.

लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि पटना में अभी तक 11 प्राइवेट हॉस्पिटल्स जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किया गया है. जहां कोविड-10 संक्रमित व्यक्तियों का इलाज होगा. आज की तिथि में इन 11 अस्पतालों में से 5 अस्पतालों में 56 कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति, जबकि 40 सिम्टोमेटिक व्यक्ति, इस प्रकार 96 लोग अपना इलाज करा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के माइल्ड सिम्टोमैटिक, प्री-सिम्टोमैटिक या बिना लक्षण वाले लोगों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था है। मोडरेट केसेज वाले व्यक्ति जिला स्तर पर बने डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स में जायेंगे.

2803 नए मामले 24 घंटे में 1888 हुए स्वस्थ
स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना से पिछले 24 घंटे में 1,888 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 24,520 लोग कोविद्ध-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं. इस प्रकार बिहार का रिकवरी रेट 67.52 प्रतिशत है. 24 जुलाई से अब तक कोरोना के 1,021 मामले प्रतिवेदित हुए है. जबकि 23 जुलाई एवं पूर्व के 1,782 कोरोना संक्रमण के नये मामले भी सामने आये है। वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 11,381 एक्टिव मरीज है. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 12,481 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गई. कुल जांच की संख्या 4,42,126 है.

मास्क नहीं पहनने वाले 1,01,487 व्यक्तियों पर फाइन
अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से 1 जुलाई से लागू अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है. पिछले 24 घंटे में 03 कांड दर्ज किये गये हैं और 04 व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी हुई है. इस दौरान 994 वाहन जब्त किये गये हैं और 21 लाख 62 हजार रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है। इस प्रकार 1 जुलाई से अब तक 34 कांड दर्ज किये गये हैं और 32 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। कुल 20,411 वाहन जब्त किए गए हैं और 04 करोड़ 80 लाख 40 हजार 815 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है. उन्होंने बताया कि मास्क न पहनने पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 6,967 व्यक्तियों से 03 लाख 48 हजार 350 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है. इस प्रकार 05 जुलाई से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 1,01,487 व्यक्तियों से 50 लाख 74 हजार 350 रूपये की जुर्माना राशि वसूल की गयी है. कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं.

23 लाख 38 हजार 990 नए राशन कार्ड बने
इससे हॉस्पिटल में एडमिट होने में लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी. स्वास्थ्य विभाग को इसके लिए निर्देश दिया गया है. इसके अलावा पटना में एडिशनल डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर्स में सुविधाओं के सृजन करने के संबंध में भी निदेश दिया गया है. अनुपम कुमार ने बताया कि गैर राशन कार्डधारी सुयोग्य परिवारों के लिए 23 लाख 38 हजार 990 नये राशन कार्ड बने हैं. इनमें से अब तक 22 लाख 13 हजार 688 राशन कार्ड वितरित किए जा चुके हैं. इस प्रकार करीब 95 प्रतिशत राशन कार्डों का वितरण किया जा चुका है. राशन कार्ड विहीन परिवारों को इससे काफी राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि रोजगार सृजन पर भी सरकार का पूरा ध्यान है और लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक 5 लाख 57 हजार से अधिक योजनाओं के अंतर्गत 11 करोड़ 73 लाख से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है.

7 लाख मजदूर का मास्टर रोल निर्गत
प्रधान सचिव ग्रामीण विकास श्री अरविंद चौधरी ने रोजगार सृजन और वृक्षारोपण के संबंध में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल से बड़े पैमाने पर काम शुरू किया गया और बाहर से आने वाले मजदूरों के लिए क्वारंटाइन कैंप में ही जॉब कार्ड्स बनाने का अभियान चलाया गया. इस वर्ष 9 लाख 81 हजार 340 नये जॉब कार्ड्स बनाये गये हैं, जिसमें 12 लाख 51 हजार 900 मजदूर शामिल हैं. क्वारंटाइन कैम्पों में 02 लाख 23 हजार 105 जॉब कार्ड्स बनाये गये, जिसमें 2 लाख 90 हजार मजदूर शामिल हैं. इस वित्तीय वर्ष में एक दिन में मजदूरों की संख्या लगभग 20 लाख तक पहुंच गयी थी. वर्षा अधिक होने के बावजूद भी वृक्षारोपण और पक्के कार्यों में लोगों को काम मिल रहा है. आज की तिथि में 4 लाख 33 हजार कार्य चल रहे हैं, जिसमें 7 लाख से अधिक मजदूर का मास्टर रोल निर्गत है.

इस वित्तीय वर्ष में 08 करोड़ 91 लाख मानव दिवस सृजित कर लिए गए हैं. जो निर्धारित लक्ष्य से काफी आगे है. उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग और वन एवं पर्यावरण विभाग ने वृक्षारोपण के लिए संयुक्त रूप से काम प्रारंभ किया है. पिछले वर्ष मनरेगा के तहत 60 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य था और इस वर्ष 01 करोड़ 13 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित है. अभी तक 30 लाख वृक्षारोपण हो चुका है. कोविड-19 के कारण उच्च स्तर पर यह निर्णय लिया गया कि वृक्षारोपण का कार्य लगातार होगा, जिसका समापन 9 अगस्त (बिहार पृथ्वी दिवस) को किया जाएगा। हमें पूरी उम्मीद है कि मनरेगा के अंतर्गत 01 करोड़ 13 लाख वृक्षारोपण करने का जो लक्ष्य है, वह पूर्ण कर लिया जाएगा. इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग हो रही है.

72 लाख पौधा लगाने का है लक्ष्य
वन एवं पर्यावरण विभाग ने जीविका दीदियों को अभी तक करीब 24 लाख पौधे उपलब्ध कराए है, जिसमें से 22 लाख 70 हजार पौधों का वृक्षारोपण किया जा चुका है. जीविका का लक्ष्य 72 लाख पौधों का है, जो पूर्ण कर लिया जाएगा। इस प्रकार ग्रामीण विकास विभाग का वृक्षारोपण में योगदान करीब 02 करोड़ पौधों का होगा. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री बिहार की उपस्थिति में खगड़िया जिले के बेलदौर के तेलिहार ग्राम पंचायत से गरीब कल्याण रोजगार अभियान को प्रारंभ किया था. इसमें काम काफी अच्छा चल रहा है और बिहार लगातार प्रथम और दूसरे स्थान पर बना हुआ है। इसके तहत विशेष अभियान में 02 करोड़ 21 लाख मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है.

3 जगहों पर टूटा गंडक का तटबंध
सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर और बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि गंडक नदी का जल अब गंगा नदी में प्रवेश करना शुरू हो गया है, जिसके कारण जलस्तर में काफी तेजी से गिरावट आ रही है. गंडक के तटबंध में पानी के दबाव के कारण जिन तीन जगहों पर टूटा हुआ है वहां अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति के साथ-साथ कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. अगले दो से तीन दिन में तटबंध के मरम्मत का काम पूरा किया जाएगा.

भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 26 और 27 तारीख को काफी जगहों पर 60 से 100 मि0मी0 वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गयी है. कोसी नदी का अभी फॉलिंग ट्रेंड है. बूढी गंडक राइजिंग ट्रेंड में है और इसके जलग्रहण क्षेत्र में वर्षा होने के कारण सभी प्वाईंट्स पर यह खतरे के निशान से ऊपर है. कमला बलान फॉलिंग ट्रेंड में है. महानंदा नदी के जलस्तर में अगले 24 घंटे में वृद्धि होगी. गंगा नदी में गंडक और सहायक नदियों का पानी मिलने के कारण भागलपुर और कहलगांव के आगे जलस्तर में वृद्धि है. जहां खतरे के निशान को टच करेगी। फरक्का में गंगा नदी पहले से ही खतरे के निशान से ऊपर है.

577 पंचायत के 10 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के कुल 77 प्रखंडों की 577 पंचायतें प्रभावित हुई है. जहां आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. सुपौल में 03, पूर्वी चम्पारण में 08, गोपालगंज में 14 और खगड़िया में 3 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. इन सभी 28 राहत शिविरों में कुल 15,956 लोग आवासित हैं.

रामचंद्र डू ने बताया कि गोपालगंज में 46, सुपौल में 3, पूर्वी चंपारण में 29, पश्चिमी चम्पारण में 7, दरभंगा में 271, सीतामढ़ी में 19, खगड़िया में 03, शिवहर में 04, मुजफ्फरपुर में 40 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं. इस प्रकार कुल 422 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 1,53,054 लोग भोजन कर रहे हैं. प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और वोट्स के माध्यम से 95,859 लोगों को निष्क्रमित किया गया गया. प्रभावित लोगों के लिये हेलीकॉप्टर के माध्यम से फूड पैकेट्स गिराये जा रहे हैं. मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है.

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