पटना: बिहार रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने बिल्डर्स कंपनी के ग्राहकों से लेनदेन और खर्च के मामले का जांच किया तो पाया गया कि बिल्डर्सों ने अभी तक ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं किया है. इस पर कार्रवाई करते हुए रेरा ने राज्य के 25 बिल्डरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बिल्डरों से कहा गया है कि 2017- 18 से बन रहे आवासीय फ्लैट के लिए उन्होंने ग्राहकों से जो राशि ली थी उसका ऑडिट रिपोर्ट जल्द जमा करें और ऑल बुक प्रोजेक्ट के निर्माण में किस तरह और कितना खर्च किया गया है इसकी भी जानकारी दें.
जानकारी देते आरबी सिन्हा, सदस्य रेरा रेरा ने 25 बिल्डरों को नोटिस देकर मांगा जवाब
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के सदस्य आरबी सिन्हा ने कहा कि बिहार में रेरा के नियम 7 के अनुसार सभी बिल्डर कंपनी को ऑडिट रिपोर्ट सालाना देना है. लेकिन अभी तक वर्ष 2017-2018 का रिपोर्ट कई बिल्डर कंपनी ने नहीं जमा किया है. कई ऐसे बिल्डर कंपनी हैं जिन्होंने पैसे लेनदेन के लिए अलग-अलग अकाउंट खोल रखा है. ग्राहकों से पैसा लेने की उनका अलग अकाउंट है और खर्च करने के अलग अकाउंट . इन सब मामले की जानकारी मिली तो रेरा ने मामले की जांच करने के बाद 25 बिल्डरों को नोटिस देकर जवाब मांगा है.
रेरा का गठन 2016 में किया गया था
साथ ही रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने अग्रणी होम्स रियल स्टेट कंपनी को ग्राहक से लिए गए पैसे और खर्च किए गए पैसे के हिसाब में गड़बड़ी के लिए भी शो कॉज नोटिस जारी किया है. इस कंपनी से 1 हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है. आपको बता दें कि बिहार में ग्राहक आवासीय फ्लैट खरीद के नाम पर बिल्डर द्वारा ठगे जाते थे. जसकी शिकायत पर रेगुलेटरी एक्ट के द्वारा बिल्डरों पर शिकंजा कसा जा रहा है. गौरतलब है कि बिहार सरकार ने रेरा का गठन 2016 में एक अधिनियम बनाया था. रेरा के सेक्शन 60 एक्ट के अनुसार ही बिल्डरों पर कार्रवाई की जाती है.