पटना: जमातियों के खिलाफ निकले लुकआउट सर्कुलर पर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने स्पष्ट किया है कि बिहार में एक भी जमाती नहीं हैं. बल्कि, टूरिस्ट वीजा के नियमों का उल्लंघन कर धर्म का प्रचार करने वाले सभी 40 लोगों को पुलिस ने सोमवार को जेल भेजा है. इनमें 11 बक्सर, 18 अररिया, 11 किशनगंज जिले में थे. सभी लोग इंडोनेशिया और मलेशिया के रहने वाले हैं. सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज गया है.
राजधानी पटना के कुर्जी और समनपूरा से भी कुछ दिन पहले 17 विदेशियोंं को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. कुल मिलाकर बिहार से 58 विदेशियों को जेल भेजा गया है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार 8 और विदेशी पटना में छिपे हुए हैं. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे से जमातीयों के बारे में पूछने पर मीडिया पर भड़क गए.
नेपाल सीमा पुरी तरह सील
डीजीपी ने कहा कि वीजा एक्ट का उल्लंघन करने के दौरान सभी लोगों पर केस कर जेल भेजा गया है. डीजीपी के मुताबिक बिहार में कोई जमाती नहीं है. एसएसबी की तरफ से नेपाल से सटे बेतिया जिला में जमातीयों घुसने को लेकर डीएम को लिखे पत्र पर भी डीजीपी ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पूरे बॉर्डर को सील कर दिया गया. अब, जमातीयों का बिहार में घुसना संभव नहीं है.
58 विदेशी भेजे जा चुके हैं जेल
बता दें कि बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देख पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉक डाउन की अवधि को 3 मई तक बढ़ा दिया है. वहीं, 1900 जमातियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हुआ है. जिसके तहत बिहार से अब तक कुल 58 लोगों की गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेजा गया है. डीजीपी के अनुसार कोई जमाती बिहार में नहीं है. जिन्हें जेल भेजा गया है वह टूरिस्ट वीजा के नियमों का उल्लंघन कर धर्म का प्रचार करने वाले थे.