पटना: सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था (Education System In Bihar) को बेहतर करने के लाख दावे करती हो लेकिन आज भी कई स्थानों पर बच्चे बेहतर शिक्षा और बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूरहैं. मसौढ़ी प्रखंड में एक ऐसा ही स्कूल है जो सरकार के तमाम दावों की पोल खोल रहा है. घर से विद्यालय आने के क्रम में बच्चों को अपने साथ पानी की बोतल लानी पड़ती है क्योंकि स्कूल में पानी की व्यवस्था ( No Water Facility In Middle School Deoria ) नहीं है. इसके कारण बच्चों के साथ साथ टीचर भी परेशान रहते हैं.
पढ़ें- आजादी के बाद पहली बार इस महादलित टोले के छात्र ने पास की मैट्रिक की परीक्षा, माता-पिता के छलके आंसू
मध्य विद्यालय देवरिया में नहीं है पानी: दरअसल इस स्कूल में हर बच्चे के हाथ में पानी से भरा हुआ बोतल मिलेगा, क्योंकि कई महीनों से चापाकल स्कूल में खराब है. पानी नहीं होने के कारण कई महीनों से मध्यान भोजन भी बंद है और तो और शौचालय में भी ताले बंद पड़े हैं. मामला मध्य विद्यालय देवरिया का है. छात्रों का कहना है कि स्कूल में पानी नहीं है इसलिए घर से पानी लाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है.
"स्कूल का चापाकल खराब है. घर से पानी का बोतल लाना पड़ता है. हमें बहुत परेशानी होती है."-छात्रा