पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में कोई अल्पसंख्यक मंत्री नहीं होने पर कांग्रेस और राजद ने हमला किया है. विपक्ष ने सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रवक्ता शारीफ अहमद रंगरेज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर मुस्लिमों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है.
नीतीश कुमार पर विपक्ष का हमला. "विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वोट नहीं दिया. इस वजह से उन्होंने अपने नए मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम नेता को मंत्री नहीं बनाया. आजादी के बाद से अब तक कोई ऐसा मंत्रिमंडल नहीं बना होगा, जिसमें मुस्लिम समुदाय का एक भी मंत्री नहीं बना हो. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह साबित कर दिया है कि उन्हें अब बिहार में मुस्लिम समुदाय की कोई जरूरत नहीं है."- शारीफ अहमद रंगरेज, प्रवक्ता, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी
नीतीश ने अल्पसंख्यक समाज को मुख्यधारा से अलग किया: एजाज
राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता एजाज अहमद ने कहा "आखिर क्या कारण है कि सातवीं बार मुख्यमंत्री बनते ही नीतीश कुमार ने सबसे पहले अल्पसंख्यक समाज को मुख्यधारा से अलग किया. उन्होंने मंत्रिमंडल से अल्पसंख्यक वर्ग को बाहर कर दिया. एनडीए के नेता कहा करते थे कि सबका साथ, सबका विकास. क्या देश की एक बड़ी आबादी को सरकार की नीतियों से बाहर रखकर सबका विकास हो सकता है? इसे एनडीए के नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए. कहीं न कहीं भेदभाव की नीतियां अपनाई जा रही हैं."
अल्पसंख्यकों को मिल रही महागठबंधन को अपनाने की सजा
एजाज ने कहा "अल्पसंख्यकों को इस बात के लिए सजा दी जा रही है कि उन्होंने महागठबंधन को क्यों अपनाया. जहां तक नीतीश के इस कैबिनेट का मामला है यह पूरी तरह से भाजपा और जदयू के नूरा-कुश्ती के खेल का परिणाम है. दोनों एक-दूसरे से राजनीति कर रहे हैं, जिसका खामियाजा अल्पसंख्यकों को भुगतना पड़ रहा है. नीतीश ने इस बार दोहरी नीतियों पर आधारित कैबिनेट बनाया है. क्योंकि वह बिहार की जनता के विश्वास पर खरे नहीं उतरे हैं. भाजपा और जदयू के नेता हेराफेरी के जनमत को अपने हित में इस्तेमाल कर रहे हैं. नीतीश सिर्फ कुर्सी बचाने के खेल में यह सब कर रहे हैं, फिर भी यह सरकार अपने कारणों से जल्द ही धराशाई हो जाएगी. स्वार्थ पर आधारित सत्ता अधिक दिनों तक नहीं चलती."
"अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय अशोक चौधरी को दिया गया. आरएसएस और भाजपा की नीति रही है कि एक बड़े वर्ग और समुदाय को राजनीतिक रूप से हाशिए पर ले जाया जाए. उसी के अनुरूप काम चल रहा है." एजाज अहमद, राजद नेता
कहां गई नीतीश की जीरो टॉलरेंस की नीति
एजाज अहमद ने कहा "जो व्यक्ति शिक्षा के क्षेत्र में अनियमितता करके भ्रष्टाचार के तहत बेल पर हो उसे शिक्षा मंत्री बनाना क्या भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की नीति नहीं है? नीतीश कुमार की जीरो टॉलरेंस की नीति कहां गई? नरेंद्र मोदी कहा करते थे कि ना खाएंगे ना खाने देंगे तो क्या दोनों ने सत्ता के लिए मिलीभगत करके भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने और भ्रष्टाचार को शिष्टाचार का रूप देकर शिक्षा को रसातल में ले जाना चाहते हैं."