पटना: बिहार में कोरोना वायरस काफी तेजी से अपने पांव पसार रहा है. आए दिन पटना में रोजोना 1000 से 2000 कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. मौतों का आंकड़ा भी काफी तेजी से बढ़ने लगा है. कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही पटना में ऑक्सीजन की किल्लत शुरू हो गई है. अब तो कई बड़े अस्पतालों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं. ऑक्सीजन नहीं होने के कारण कई अस्पतालों ने तो 'NO ENTRY' के बोर्ड भी लगा दिए हैं.
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अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत
पटना के कई बड़े अस्पताल ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से जूझ रहे हैं. इन अस्पतालों ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर आपके पास ऑक्सीजन सिलेंडर हैं, तो ही इलाज के लिए आइए. जब इनका ये हाल है तो जिलों और ब्लॉक लेवल के अस्पतालों का तो भगवान ही मालिक है.
इन अस्पतालों में मरीजों की 'नो एंट्री'
- फोर्ड अस्पताल
- जगदीश मेमोरियल अस्पताल
- ऑक्सीजोन अस्पताल
- हाइटेक हॉस्पिटल
- पल्स इमरजेंसी अस्पताल
- समय हॉस्पिटल
- पारस हॉस्पिटल
- कुर्जी होली फैमिली
निजी अस्पतालों का डीएम को त्राहिमाम संदेश
पटना में हालात ये है कि निजी अस्पतालों ने डीएम को त्राहिमाम संदेश भेजा है. ऑक्सीजन की कमी के चलते अस्पताल प्रबंधन कोविड-19 पेशेंट भर्ती करने से इंकार कर रहा है. पटना शहर में भी ऑक्सीजन का घोर अभाव है और दर्जन भर से ज्यादा निजी अस्पताल में पटना के जिलाधिकारी को त्राहिमाम संदेश भेजा है. ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर जिलाधिकारी से अस्पताल प्रबंधन ने अनुरोध किया है.
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''केमिकल की कमी की वजह से उनके प्लांट में पहुंचने वाले प्राइवेट अस्पतालों के कर्मियों को ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति डिमांड के अनुसार नहीं कर पा रहे हैं. हम लोगों की पहली प्राथमिकता सरकारी अस्पतालों की होती है, पहले ऑक्सीजन गैस सरकारी अस्पतालों में मुहैया करवाते हैं''-विनोद, मैनेजर, ऊषा एयर प्रोडक्ट्स लिमिटेड पटना
ऑक्सीजन की कमी से हांफ रहा प्रशासन
पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने प्रोडक्शन के 90% ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों को देने के निर्देश दिए हैं. वहीं, जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन गैस सप्लाई करने वाले सभी तीनों प्लांटों पर मजिस्ट्रेट रैंक के अधिकारियों की तैनाती कर दी है. सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सामान्य तौर पर हर दिन 5 हजार सिलेंडर की डिमांड है, लेकिन आपूर्ति मात्र 50% हो रही है.