पटना : बिहार के प्रारंभिक विद्यालय में कार्यरत नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में बड़ी संख्या में सफलता प्राप्त की है. कई विषयों में नियोजित शिक्षक टॉपर भी बने हैं. टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों ने अपग्रेड होने के लिए माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय के लिए बीपीएससी की ओर से आयोजित परीक्षा में शामिल हुए थे, उनमें से अधिकांश ने सफलता प्राप्त की है.
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नियोजित शिक्षक ने गणित में किया टॉप : संघ ने माध्यमिक में गणित विषय में राज्य भर में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए भागलपुर जिला के नियोजित शिक्षक निगम कुमार झा को बधाई दिया है. निगम कुमार टीईटी पास नियोजित शिक्षक हैं जो भागलपुर जिला के सुल्तानगंज प्रखण्ड के मध्य विद्यालय नयागांव में पदस्थापित हैं. प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा कि समान ग्रेड में बहाली के लिए शिक्षक संगठनों द्वारा बीपीएससी परीक्षा का बहिष्कार किया था. उच्चतर ग्रेड में अपग्रेड होने के लिए जिन नियोजित शिक्षकों ने आवेदन किया था उनमें से अधिकांश सफल रहे.
''बीपीएससी पास करके शिक्षक बनने के लिए बनाई गई अध्यापक नियमावली से पूर्व नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों को समान ग्रेड में घाटा था. इसलिए समान ग्रेड में बहाली का बहिष्कार किया गया था. शिक्षकों को बार बार विभाग द्वारा परीक्षा लेने से भी नाराजगी थी, क्योंकि समय समय पर विभाग के मानकों को पूरा करके और विभाग द्वारा ली गयी परीक्षा को पास करके ही शिक्षकों की बहाली हुई है. जिन शिक्षकों ने समान ग्रेड के लिए आवेदन किया उन्होनें संगठन से गद्दारी की है साथ ही अपने भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया है.''- राजू सिंह, प्रदेश संयोजक, शिक्षक संघ
'नियोजित शिक्षकों की मांग माने सरकार': राजू सिंह ने कहा कि क्योंकि समान ग्रेड में बीपीएससी पास करने वाले शिक्षकों का वेतन पूर्व में मिल रहे वेतन से कम हो जाएगा और पूर्व में नियोजित शिक्षक के तौर पर की गई सेवा की गणना भी नहीं कि जाएगी. अगर अध्यापक नियमावली संतोषजनक रहती तो अधिकांश पदों पर नियोजित शिक्षक ही बाजी मारते. नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी परीक्षा में अपना परचम फहरा कर यह साबित कर दिया है कि नियोजित शिक्षक भी मेधा में किसी से कम नहीं हैं.
नियोजित शिक्षकों को मिले वाजिब हक: सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने के बजाय बीपीएसीसी में शामिल होने का अवसर देने से शिक्षित बेरोजगार अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हो रहा है, क्योंकि अधिकांश सीट पर नियोजित शिक्षक ही कब्जा कर रहे हैं. साथ ही जिस विद्यालय में वे बहाल थे वहां भी सीट रिक्त हो जा रही है. राजू सिंह ने कहा है कि सरकार नियोजित शिक्षकों को उनका वाजिब हक अधिकार नहीं देकर शोषण करते रही है.
'जानबूझकर किया जाता है बदनाम': नियोजित शिक्षक संघ ने कहा है समाज में जान बूझकर नियोजित शिक्षकों को बदनाम किया जाता है. संगठन के आह्वान पर जो नियोजित शिक्षक बीपीएससी की शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं हुए उनमें अपने भविष्य को लेकर संशय और मायूसी व्याप्त है. सरकार को अविलम्ब सभी नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देकर विद्यालय अध्यापक के पद पर समायोजित कर उचित सम्मान देना चाहिए.